कोरोनावायरस महामारी ने भारतीय लोगों को सोशल और आर्थिक समस्याओं के मुख्य कारण बना दिया है। इस काल में, लोग अपनी आय के स्रोतों को ढूंढ़ने की तलाश में हैं जिसकी वजह से उन्हें अधिक विकल्पों की आवश्यकता है।
यद्यपि सरकार ने कठिनाईयों के बावजूद कारोबार और रोजगार को संभलने के लिए कई सशक्त कार्यक्रम और वित्तीय सुविधाएं प्रस्तावित की हैं, लेकिन दर्शाता है कि ये कार्यक्रम और सुविधाएं अभी भी कामयाब नहीं हो रही हैं। इसलिए, इस समस्या का सूत्र उद्यमिता और निवेश के माध्यम से हल करने की आवश्यकता है।
विकास और उद्यमिता को बढ़ाने के लिए करोड़ों के निवेश की आवश्यकता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा। सरकार को माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की पहुंच को बढ़ाने, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने और संबंधित अवसरों की खोज करने के लिए चर्चा में लाना चाहिए।
विशेष उद्यम समूहों को लोकेलाइजेशन के माध्यम से प्रभावी रूप से समर्थन देने के लिए नई नीति और योजनाएं विकसित की जरूरत है। इसके अलावा, लोकल स्तर पर उद्यमों को सहायता प्रदान करने के लिए अधिक मात्रा में निवेश किया जाना चाहिए।
व्यापारियों को बेहतर पालन करने के लिए अधिक विकल्प स्वीकार करने की सक्षमता प्रदान करने के लिए आर्थिक पक्ष से सरकार को सहायता प्रदान करनी चाहिए। वहीं, सरकार को उद्यमियों के लिए किसी भी मुसीबत से निपटने के लिए पूर्ण आयातन मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करना चाहिए।
सभी उद्यमी और कंपनियों को सशक्त बनाने के लिए सरकार को टैक्स और रजिस्ट्रेशन के मामलों में अधिक सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। इसके साथ ही, यात्रा और सेवा उद्योगों को टेक्नोलॉजी के माध्यम से नए अवसर प्रदान करने की भी आवश्यकता है।
सरकार को निवेश उपकरणों की वितरण और उनकी सुविधाओं के लिए लोगों को जागरूक करने की भी आवश्यकता है। देश में बदलते तकनीकी दुनिया में मजबूती बढ़ाने के लिए सरकार को साइबर सुरक्षा के माध्यम से नए प्रोटोकॉल विकसित करने की भी जरूरत है।
साथ ही, आर्थिक स्थायित्व और सकारात्मकता की सुजगता बढ़ाने के लिए सरकार को अधिक समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करना चाहिए। इन सभी कदमों के अनुसरण करने से भारतीय लोगों को नई आय स्रोतों और विकल्पों की मिल सकती है और देश की अर्थव्यवस्था को भी आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।
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