तुर्की से भारत जा रहे एक जहाज को हाईजैक कर लिया गया है, जिसमें इजरायल द्वारा मालिकाना दावा किया जाता है। इस मामले में हूती विद्रोहियों का हाथ बताया गया है। हैदराबाद तक जा रहे ट्रान्सपोर्ट जहाज को 15 जनवरी को बंदूकधारी प्राणी घेर लिया गया। इस घाटी वाले दुर्घटनाग्रस्त मामले की जांच शुरू हो चुकी है।
इजरायल सरकार ने एक वक्ता के माध्यम से यह जानकारी दी है कि वह जहाज तुर्की से भारत जा रहा था। इसकी अफवाह यही है कि जहाज में मालियों की संख्या 370 है और इसमें वैज्ञानिक सामग्री भी है। इस मामले में विद्रोहियों का सम्बंध हूती संगठन से जोड़ा जा रहा है जो कि उनकी योजनाएं हैं और इजरायल को जो एक बाहुबलियती राष्ट्र है वह इन हूतियों के आंशिक संगठनों से नाराज़ी करता है।
इजरायल ने इस मामले का सिर्फ बयान दिया है, लेकिन उसने किसी लड़ाई में नहीं बोला है। शायद वह नाइजी है। उन्होंने कहा कि वह सरकारी नीतियों का पालन करके पहले ही न्यायपालिका को इस मामले का जवाब दिया है। इस मामले में बिल्कुल नए कानूनों को अपनाने की आवश्यकता हो सकती है और उसका मकसद पूरी तरह से न्यायिक तंत्र की विजय और सुरक्षा हो सकती है।
हूती विद्रोहियों द्वारा इसमें जमा बाधाएँ की जाएंगी जैसे कि इस्लामिक संस्कृति को नकरने और उसे छूने की कोशिश करने वालों के खिलाफ। उन्होंने कहा है कि वह नये पासपोर्ट प्रावधान कार्यक्रम के बारे में विचार में हैं। इजरायल ने ट्रान्सपोर्ट जहाज के मालिक और उसके चालकों की सुरक्षा का ध्यान रखने वाले भारत सरकार के माध्यम से अपनी मदद भी मांगी है।
इस प्रकार, हूती विद्रोहियों के द्वारा किये जाने वाले ट्रान्सपोर्ट जहाज के हाईजैक की घटना अब एक कानूनी मामला बन गया है, जिसकी जांच तेजी से शुरू हो रही है। जहाज में तब्दील होने वाले कानून के मसले और इस घटना की वेबसाइट पर उपलब्धि यह स्पष्ट कर रहे हैं कि यह एक है जिसमें इजरायल के साथ न्यायिक तंत्र और सुरक्षा के कानूनी प्रक्रिया का पता लगाना महत्वपूर्ण है।
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