इजरायली सेना द्वारा गाजा के अल-शिफा अस्पताल के सीसीटीवी के प्रमाण से जारी किए गए वीडियों के बाद, इस आरोप के खिलाफ आवाज बुलंद की जा रही है। इजरायली सेना दावा कर रही है कि हमास आतंकवादियों ने इस अस्पताल को कवच के रूप में उपयोग करके कई लोगों की जानें ली हैं। यह दावा इजरायली सेना की तरफ से एक दूसरे आरोपों का साबित होने का प्रयास है।
इन वीडियों के द्वारा बाहरी लोगों ने इस तरह के हमले के खिलाफ हमास के पक्ष में दुख और तिरस्कार जताए हैं। वीडियो देखकर लोगों ने अपने समर्थन को व्यक्त किया है और लोगों ने इजरायली सेना पर गुस्साहीन व्यक्त किया है। हमेशा की तरह वीडियो ने ऐसे कारपईयों के सामरिक जीवन पर विचार कराए हैं जो वास्तविक और सच्ची खबर के बाद जबरदस्ती जुड़ाव पाते हैं।
इजरायली सेना इसे सामुदायिक माध्यमों की मदद से एक पब्लिसिटी कार्यक्रम के तहत खुद को बचाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए वह सभी वीडियो को सार्वजनिक रूप से प्रशारित कर रही है। हालांकि, गाजा के अल-शिफा अस्पताल के प्रतिनिधियों ने इस प्रकरण का खंडन किया है और कहा है कि यह आरोप बेबुनियाद है। वे इजरायली सेना की इस खुदाई को एक राजनीतिक दलील मान रहे हैं और इसे नकारा जा रहा है।
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान इस अस्पताल के सीसीटीवी वीडियो का सामरिक महत्व बन गया है। दुखद है कि वातावरण के माध्यम से यह उठाया गया आरोप आतंक को उठाने के लिए एक सामरिक चाल है, साथ ही साथ सत्यता की तरफ से आंखों में धूल झोंकने का प्रयास। विजय या हार के परिणामस्वरूप इस विशेष उद्यम का महत्व तय होना चाहिए।
यदि हम बात करें तो इजरायली सेना की इस कार्यवाही ने विश्व की ध्यान दिलाने में सफलता प्राप्त की है, इसलिए जब यह आरोप बिना सत्यता के जस्टिफाइ किया जाएगा तो यह गांव की खबर में स्थान पकड़ेगा। गाजा के वासियों के द्वारा नहीं कहा जा सकता कि यह उचित नहीं है, लेकिन यह आरोप इजरायली सेना के लिए इजरायली जनता की ओर से सच साबित करना होगा। इसकी सत्यता को साबित करने के लिए गाजा के अल-शिफा अस्पताल के नेताओं का सुझाव भी साथी हो सकता है।
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