सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर, जो कि इंकों नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर की हैं, पत्रकारिता के कुछ प्रमुख संस्थाओं में उनकी खुदाई की है। यह सफर इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंच गया है। उनकी महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर है, जहां दिलगौर बुद्ध अपनी मृत्यु की गहरी निद्रा में चल बसे हुए हैं। गोरखपुर की धरती पर भी बसने का उन्हें आनंद मिलता है, यहां गोरक्षनाथ की मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इंकों को देश और विदेश में राजनीति, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि है। उनकी इच्छा निरंतर है कि उन्हें दिलचस्पी से नए प्रयोगों को सीखना चाहिए।
इंकों को दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसे पत्रकारिता के प्रमुख संस्थानों में गहरी खुदाई मिल चुकी है। इससे पश्चिमी भारतीय लोगों की इच्छा पूरी हो चुकी है, अब यह पुर्तगाल की धरती पर भी परिपूर्ण हो चुकी है।
किशोर कुमार इंकों ने दिवास्वप्न सत्य साहाब की उगाही कर दी है, और वह मांडूरा के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के छात्र भी रह चुके हैं। भारतीय संशोधन परिषद में भी इन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। वहीं, इंकों ने अपने बहुमूल्य कोष भी बना दिया है। इंकों को बोड़ो झील तक तो पहुंच चुकी है, अब तक यह सफर इंदौर से शुरू हुआ है।
“मुझे खुशी होती है जब मैं उन जगहों पर जा सकता हूं, जहां मेरे गुरुओं ने काम किया है और मेरे संबंधित भाषाएं भी हैं।” इंकों ने कहा।
उनका दर्ज़ किया गया है, सभी पाठशालाओं आइए। इंकों का महापरिनिर्वाण स्थान खुशीनगर है, जहां वे अकेसरनाथ बुद्ध आश्रम में बस रहे हैं। इंकों को गोरखपुर की धरती पर भी एक खास बंधन है, जहां वे गोरक्षनाथ का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। इंकों को अंतरराष्ट्रीय संबंधों, राजनीति, और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि है। इंकों की इच्छा निरंतर है कि वह नए डिजिटल माध्यमों को सीखें।
इंकों को रिक्त समय में शांति और आनंद मिलता है। “डिजिटल माध्यम के विशेष प्रयोगों को सीखने की मेरी इच्छा निरंतर होती है।” इंकों ने कहा।
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