आमतौर पर राजनीतिक पार्टियों के बीच विवाद होते रहते हैं, लेकिन अमित शाह ने हाल ही में एक बड़ा बयान देकर बेऔरत संस्करण की आवाज ऊँची की है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और असदुद्दीन ओवैसी पर बड़ी हमला बोली लगाई है।
वाराणसी में भाषण देते हुए शाह ने कहा कि चंद्रशेखर राव ने दलितों और अल्पसंख्यकों को गरीब बना दिया है और ओवैसी के डर से केसीआर ने मुसलमानों के लिए आरक्षण जारी किया है। शाह ने साथ ही इस आरक्षण को बंद करने का वादा भी किया है। इसके अलावा उन्होंने भी कहा है कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार और तेलंगाना जैसे राज्यों में पिछड़े वर्ग से आने वाले लोगों को मुख्यमंत्री बनाने का वादा भी किया है।
शाह ने कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय समाजवादी पार्टी (बीआरएस) और अखिल भारतीय इत्तहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को वंशवादी पार्टियां कहा है और उन्हें भ्रष्टाचार में विश्वास करने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही शाह ने कहा है कि केसीआर हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाने से इंकार करते हैं।
और हमले में भाजपा के नेता ने कहा है कि केसीआर और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के बीच एक सौदा हुआ है, और यही सौदा राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने में मदद करेगा।
तेलंगाना में टीआई नवंबर को वोट डालने की तारीख तय हो गई है। बैठकों के दौरान अमित शाह ने टीआई को आरक्षण पर सवाल पूछने के लिए कठोर बयान दिए हैं। वह कहते हैं कि केसीआर मुस्लिम आरक्षण के लिए वोट वापसी मांग रहा है, जिसे उन्होंने जताया कि उनकी पार्टी यदि सत्ता में आती है, तो यह आरक्षण जरूर खत्म कर दिया जाएगा।
इस समय आम चुनावों के मद्देनजर यह विवाद चर्चा का विषय बन गया है और कुछ लोग इसे आपसी टकराव की नजर से देख रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे चुनावी ताकत की टेक्टिक्स के तहत मान रहे हैं। अब यह देखना है कि इस विवाद में टीआई का प्रदर्शन कैसा रहता है और यह किसके चंदे पर लेटा है।
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