AIDS, जिसे Acquired Immunodeficiency Syndrome (AIDS) कहा जाता है, एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के रूप में जानी जाती है। इसके बावजूद, UNAIDS के एक रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक इस बीमारी को समाप्त करने की संभावना है। इसके लिए सरकारों और दाताओं को समर्थन की आवश्यकता होगी।
आईडीएस की वजह से एक्सपर्टों के मुताबिक वेंकाया संक्रमण आतंक के समान है, जिसके अंतर्गत प्रति मिनट एक व्यक्ति अपनी जान गवाता है। यह एक गंभीर समस्या है और उपचार और रोकथाम के संबंध में कठिनाईयाँ हैं।
अत्याधुनिक तकनीकी और विज्ञान विकास के बावजूद, विशेष रूप से पूर्वी यूरोप, केंद्रीय एशिया, मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका में पूरी तरह से प्रगति नहीं हुई है। 2022 में भी इन देशों में जिन लोगों को जीवन निरोधी थेरेपी (ART) मिली है, केवल आधे ही लोगों ने उसे लेना शुरू किया है।
हालांकि, कुछ समुदायों द्वारा चलाए जाने वाले कार्यक्रमों की वजह से सेवाएं बढ़ी हुई हैं। हाल ही में कुछ नए केंद्रों में समुदाय समर्थन प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सही तरीके से पहुंच सुनिश्चित हो रही है।
हालांकि, कुछ देशों में समुदाय-संचालित प्रतिक्रियाएं धीमी हो रही हैं, या उन्हें समर्थन और संसाधन नहीं मिल रहे हैं। यह सबकुछ देशों के विकास में बाधा बन रही है।
UNAIDS के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 63 देशों में सरकारी संगठनों या समुदाय सेवा संगठनों के लिए पंजीकरण, संचालन और सरकारी वित्तीय समर्थन की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण हर देश का लैंगिक स्वास्थ्य मंच अभावित है और कार्यकर्ताओं को समर्थन मिलना मुश्किल हो रहा है।
अंतिम रूप में, ग्लोबल स्तर पर समुदायों को वित्त संचालित करने में कमी आ रही है। 2012 में यह आंकड़ा 31% था जो 2021 में 20% तक आ गया है। यह एक चिंता का विषय है क्योंकि इससे विभाजित प्रतिष्ठानों को कार्यक्रमों को समर्थन करने के लिए संसाधनों की कमी हो रही है।
इसलिए, अधिक से अधिक देशों को समुदायों का समर्थन करने की आवश्यकता है ताकि HIV/AIDS के खिलाफ काम करने और इससे मुक्ति प्राप्त करने के लिए अधिक संसाधनों का उपयोग किया जा सके।
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