फिलिस्तीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है इजरायल और हमास के बीच तनातनी और हिंसा से भरी जंग के बीच। उन्होंने अमेरिका के वीटो को फिलिस्तीनियों के खिलाफ युद्ध अपराध बताया है। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका को आक्रामक और अनैतिक भी ठहराया है। उनका कहना है कि दोनों तरफों के मध्यस्थ रहने की भूमिका निभाने के बजाय, अमेरिका ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। इससे पहले विश्व नेताओं और अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों ने अमेरिका की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि विश्वसमुदाय अमेरिका की खामियों को देख रहा है और उम्मीद कर रहा है कि यह उनके काम में सुधार लाएगा।
फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री और हमास ने भी अमेरिका की कड़ी निंदा की है। उनका मानना है कि अमेरिका ने उनकी समस्या को ठीक से समझने की कोशिश नहीं की है और सरकारों की जिम्मेदारी भी नहीं उठाई है। उन्होंने कहा है कि यह जंग और ट्रेडि दमाम केंद्रित वार्ताओं से अधिक है, इसमें इंसानियत की अप्रत्याशित कीमतें छिपी हुई हैं।
इजरायल के राजदूत ने युद्धविराम के लिए संयुक्त राष्ट्र को संबोधित नहीं किया। उन्होंने कहा है कि इजरायल ने अपना पक्ष बनाए रखा है और किसी भी विराम समय का समर्थन नहीं किया। आपत्तिजनक होने के बावजूद, अप्रत्याशित रूप से, संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को वीटो नहीं किया।
यह जंग काफी समय से चल रही है और इसमें बदलाव की उम्मीद नहीं है। फिलिस्तीन, इजरायल और अमेरिका के बीच की तनावपूर्ण संबंधों के नतीजे में बेहतरी के आशावादी मंथन की जरूरत है। उम्मीद है कि विश्वनियोजन और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय इस मुद्दे में सुधार के प्रयासों को बढ़ावा देंगे और नई संबंधों की स्थापना में मदद करेंगे।
इन सभी समस्याओं के बावजूद, हमेशा की तरह, मानवता के हित के लिए अपनी विचारधारा को सफलतापूर्वक बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए। इसे समाप्त करने और अमन और सौहार्द स्थापित करने का मार्ग निकालना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह संघर्ष जारी रखने की संभावना सोचने वाली ही नहीं है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास भी एक ऐसा संदेश देते हैं, जो अनमोल हो सकता है।
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