जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुरक्षित रखा है और फैसले को बरकरार रखने का फैसला किया है। यह फैसला राष्ट्रपति के अधिकार को बताते हुए हुआ है कि वे 370 हटाने का अधिकार रखते हैं और इस अधिकार के अस्तित्व पर विधानसभा के बंद होने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ेगा।
सीजेआई ने कहा कि युद्ध की स्थिति में धारा-370 हटाने का फैसला अंतरिम फैसला था। इसके साथ ही सीजेआई ने भी चुनावों की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट में कुल 22 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
इसके अलावा, राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन और आरक्षण बिल को पेश करने की घोषणा की है। इन दोनों बिलों को लोकसभा में पहले ही पास कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाए जाने के बाद कश्मीर के पुराने स्थानीय और अंदरूनी आपूर्ति के मुद्दों पर समझौते होने की आशंका है। अब यह देखा जाएगा कि कश्मीर से धारा-370 के हटाए जाने के बाद स्थानीय लोगों को कैसे रोजगार, आर्थिक विकास और अन्य मुद्दों पर सुविधाएं दिए जाएंगी।
यह समाचार E-Postmortem वेबसाइट के लिए तैयार किया गया है।