मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रथम बार पारदर्शिता दिखाई है। योगी ने देश के संविधान को ध्यान में रखकर उनके ज्ञानवापी मामलों पर जवाब दिया है। उन्होंने एक पॉडकास्ट के माध्यम से देश को दर्शाया कि वे धर्म या मत से नहीं चलते हैं।
इस पॉडकास्ट में जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अगर मस्जिद है तो वहां त्रिशूल कैसे आ गया? ज्योर्तिलिंग के रूप में देव प्रतिमाएं भी हैं, तो दीवारें क्या कह रही हैं?” उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वे त्रिशूल को मस्जिद के अंदर नहीं रखते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी पर पूछे गए सवाल पर मजबूत जवाब दिया है। वे कहते हैं कि यह ज्ञानवापी केवल दीवारों से नहीं, विचारों और ज्ञान से आता है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने त्रिशूल को मस्जिद के अंदर नहीं रखा है और वे केवल ज्ञान और भक्ति में विश्वास रखते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने इस पॉडकास्ट से ज्ञानवापी मामलों को लेकर देश को एक प्रेरणा भी दी है। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी विचारों, कला और संस्कृति के माध्यम से ही आपसी समझदारी का मार्ग प्राप्त किया जा सकता है। वे इसके साथ ही बताते हैं कि त्रिशूल को मस्जिद या किसी अन्य स्थान में नहीं रखा जाता है।
इस पॉडकास्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मामलों को बातचीत का माध्यम बनाया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश में विचारों की आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।
हमारी साइट ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ यहां पॉडकास्ट की अधिक जानकारी प्रदान करेगी। वहीं, अन्य न्यूज़ और वेबसाइट्स पर भी आप ये पॉडकास्ट सुन सकते हैं।