लालन सिंह के इस्तीफे की आशंका और उसके पद से निर्गमन की चर्चाएं बढ़ रही हैं। यह मुद्दा नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच आत्मीयता की तकरार पर रोशनी डालता है। इस मामले में लालन सिंह का इस्तीफा महत्वपूर्ण बन सकता है।
लालन सिंह, जिन्हें जनता दल-युवाजन डेमोक्रेटिक के उपाध्यक्ष के रूप में चुने गए थे, लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक पार्टी के साथ टकराव में हैं। इसे देखते हुए उन्हें शब्दविहीन होने की आशंका है, क्योंकि गवर्नमेंट में दिए गए पद का कोई महत्व नहीं रहेगा और वे राजनीतिक रूप से महत्वहीन हो जाएंगे।
इस बीच नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के बीच आत्मीयता बढ़ गई है। दोनों नेताओं के बीच अटूट सम्बंधों को लेकर अभी-अभी ही घमासान छिड़ी है। इसी घमासान के दौरान राजनीतिक गंदगी के मामले में लालन सिंह के हाथों सवाल उठ रहे हैं। उनके करीबी दोस्तों का कहना है कि इस तकरार में उनकी भूमिका अहम हो सकती है और वे यह नहीं चाहते कि उनके राजनीतिक करियर को कोई दगा दे।
नीतीश कुमार की पार्टी, जनता दल-युवाजन डेमोक्रेटिक, में लालन सिंह का इस्तीफा आने वाले दिनों में संभावित है। इस मामले में कुछ लोग कह रहे हैं कि वे इस्तीफा के साथ जबरन बाहर किए जा रहे हैं, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग इसे विश्वास लाते हैं। इस आशंका के बावजूद, नीतीश कुमार की पार्टी को इस मामले में सतर्क रहने की जरूरत है।
लालन सिंह और नीतीश कुमार के बीच करीबी की वार्ता चल रही है। इस मामले में कुछ दोस्त बता रहे हैं कि वे एक-दूसरे के लिए मानसिक सहारा हैं, जबकि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि इस वार्ता की घोषणा का कारण इन दोनों नेताओं के बीच आत्मीयता तक नेतृत्व का अभाव है। यह सब चर्चाओं की वजह से दो दिन के भीतर ही ध्यान खींच सकता है।
नीतीश कुमार के द्वारा लालन सिंह के इस्तीफे की घोषणा अभी की बात नहीं है। एक बार जब यह घोषणा हो जाएगी, तब ही समय मिलेगा कि इस मामले में अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके। हमें आशा है कि इस मामले में सभी लोग महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए एक ही मंच पर आएंगे।