टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के 86वें जन्मदिन के अवसर पर भारत उनका सम्मान कर रहा है। उनका जन्मदिन देश भर में एक आदिरंगी तिथि के रूप में मनाया जा रहा है। रतन टाटा बहुत महत्वपूर्ण उदाहरण हैं जो देशी कारोबार और व्यापार जगत में काफी प्रमुखता प्राप्त कर चुके हैं।
जन्मदिन के अवसर पर उनके जीवन से जुड़ी कई कहानियों पर चर्चा हो रही है। पिछले कई दशकों में वे टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे थे और उन्होंने बिजनेस सेक्टर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनकी सफलता न केवल उनके उदार बाजारी मनोबल की कहानी है, बल्कि उनकी दरियादिली, दयालुता और देश सेवा पर ध्यान देने वाली एक अद्वितीय उपलब्धि भी है।
रतन टाटा ने अपने कारोबारी मार्गदर्शन के दौरान अपने सैनिकों की देखभाल में किसी कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कई कारोबारी सौदों को सुनिश्चित किया जो कि टाटा ग्रुप को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। 1990 के दशक में टाटा इंडिका को लॉन्च करने के बाद उन्होंने पैसेंजर कार डिवीजन को बेचने का फैसला किया था, लेकिन पश्चिमी कंपनी Ford Motors के साथ मीटिंग में वे इस तत्वावधान को वापस ले लिया। उन्होंने टाटा मोटर्स को नए उच्चस्तर पर पहुँचाया और Ford Motors से मजबूर कर देखाया। इसके अलावा, उन्होंने Jaguar और Land Rover ब्रांड को खरीदने की पेशकश की थी जिससे Ford के चेयरमैन को बड़ा हकलाने का सामना करना पड़ा।
इसे छोटे और कम शब्दों में लिखने के लिए, रतन टाटा एक समर्पित उदारता के प्रतीक स्थान पर खड़े होते हैं जो जोरदार व्यापारीता को इंसांसियों से मिलाती है। उन्होंने अपने चेयरमैन के पद से सेवा करते समय उचित योजनाओं को लागू किया जो कि देश और उद्यमियों दोनों के लिए फायदेमंद हों। वे अपने जन्मदिन पर शानदार उपहार हैं और उनका योगदान और महत्वपूर्णता हमेशा याद की जाएगी।
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