पश्चिम बंगाल के बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित राशन घोटाले के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में आध्या को उत्तर 24 परगना जिले के टीएमसी नेता के आवास से गिरफ्तार किया गया है। ईडी ने इस घटना के संबंध में आध्या के सदस्यों के सभी संपत्तियों की मुठभेड़ की है।
आध्या की गिरफ्तारी के बाद, उनके समर्थकों ने ईडी अधिकारियों के वाहनों पर पथराव किया है। यह दूसरा हमला है जिसका उपयोगकर्ता ने ईडी अधिकारियों पर किया है, उन्हें पहले ही एक हमले का सामना करना पड़ा था। ईडी ने बताया कि शंकर आध्या के साथ-साथ उनके सहयोगियों और ससुराल वालों के घरों में भी तलाशी ली गई है। उन्हें गिरफ्तारी के बाद साल्ट लेक स्थित ईडी कार्यालय लाया गया है।
इस घटना के पीछे की वजहें अभी तक सामने नहीं आई हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी छांटनी के लिए और समय की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे राशन घोटाले के कई मामले पहले भी आए हैं और अगर धोखाधड़ी साबित हुई तो मुद्दा और भी संवेदनशील हो सकता है।
यह घटना पश्चिम बंगाल राज्य में सियासी हलचल मचा रही है। अन्य दलों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है और सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन के बादल बना दिए हैं। दलों ने गिरफ्तारी की पश्चिम बंगाल सरकार पर आलोचना की है और इस मामले पर गंभीर कार्रवाई करने की मांग की है।
सभी जिलों में इस घटना की जांच आजमा रही है और इसकी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई जाएगी। इस मामले की जांच के दौरान शंकर आध्या को सवालों के जवाब देने के लिए गाहे गए हैं और उन्हें बुद्धिनिष्ठ से सहयोग करने की आवश्यकता है।
बीते कुछ हफ्तों में पश्चिम बंगाल राज्य में कई मामलों में इसी तरह की घोटालों की सूचनाएं मिली हैं। सेनिंधिया नगर में राशन कार्ड नर्सरी फ़र्म के घोटाले में गिरफ्तारी की गई थी, जिसमें उस वक्त के मंत्री शुभेंदु आधिकारी भी शामिल थे।
यह घोटाला पश्चिम बंगाल राज्य में बीच-बीच में हो रही बंगाल विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को भी गंभीर टक्कर दे रहा है। खुदरा एजेंसियों के दौर के बावजूद भ्रष्टाचार जैसी घटनाएं न रुकी हैं।
स्रोत: e-postmortem
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