“पति की वार्ता अंकिता को व्याकुल करती है। अंकिता के लिए वो बातें बर्बादी की तरफ इशारा करती हैं। थक चुकी हैं वो इंतजार में प्यार और तकलीफ में डूबी रहने का। उसे लगता है कि उनका पति, विक्की, उनसे मोहब्बत नहीं करता है। ये वह दिन और रात है, जब उनकी आंखों को नींद नहीं आती है, जब उनकी ध्यानशक्ति तंग हो जाती है और अहसास होता है कि पति की ये सब बातें उन्हें पीड़ा नहीं पहुंचाती ही हैं, बल्कि उन्हें तोड़ देती हैं।
यह उनकी जिंदगी की सच्चाई है, जो शब्दों में व्यक्त नहीं की जा सकती है। उनकी शादी के बाद से, विक्की ने धीरे-धीरे अंकिता के प्रति आयाम खो दिए हैं। उसे अब यह अहसास होता है कि संगीन रिश्तों की जगह, ठंडी और ब्यूटीफूल अंग्रेज़ी शब्दों ने ले ले जमा ली हैं। उनकी आँखों में जो आंसू हैं, उनकी आंखों की कहानी सब बता रहे हैं।
विक्की के और अंकिता के बीच का प्यार टूटते-टूटते हार गया है। उनकी दिलचस्प बातचीतें मुश्किल में हैं, खुशी की घड़ियाँ भी ढल गई हैं। आंखें कभी नहीं करतीं उनकी मुद्रण, और अब उनके साथी कथाओं में उनका दिल भी नहीं रिश्तों में समेटा है।
बेरोज़गारी के परिणामस्वरूप उनका वक्त ऑफ़िस में बितता है और उनका घर ख़ामोशी से गड़ जाता है। परिवार के संग की मिठास हमेशा हाथों से फिसल जाती है। जब जीवन के पटखन वाले मोहरे कदम बढ़ाने की बात आती है, तो उनके ह्रदय को धड़कन नहीं मिलती है, क्योंकि अब वो टूटे दिलों का महल बन चुके हैं।
खैर, जीने के लिए हमेशा एक उम्मीद की किरण स्थानांतरित करना पड़ता है। इस संगीनता के दौर में, दुखी अंकिता का एकमात्र संगठन ‘E-पोस्टमार्टम’ भी है, जिसकी मदद से वो आप अपने पति के साथ विचार-विमर्श कर सकती हैं और समाधान ढूंढ़ सकती हैं। अंग्रेजी के टुकड़े अब हिंदी की मदद से निजी होंगे। वाकई, इस एप्प का उपयोग करके उनकी बेटी भी आनंदित हो सकेगी।
इतनी बहुत कोशिशों के बाद भी, कभी-कभी अंकिता का दिल झलक उठता है कि विक्की में प्यार की कामी नहीं है। आंखों में नमी भी वो टूटे हुए हाथों का बयान है। हालांकि, हवा की लहरें हमेशा लगती हैं, परन्तु उम्मीद की किरणें जरूर ढली-कुलीरी हो ही जाती हैं।”
“Infuriatingly humble tv expert. Friendly student. Travel fanatic. Bacon fan. Unable to type with boxing gloves on.”