सर्वाइकल कैंसर का इलाज शुरू होने का इंतजार कर रही हजारों महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। एम्स सहित तीन लैब में तीन स्वदेशी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) किट के ट्रायल का आयोजन किया गया है। इस करीबी तकनीकी प्रगति के माध्यम से, साल 2020 में हुई सर्वाइकल कैंसर की मौतों की संख्या में कमी आ सकती है।
इन किट्स के परिणाम की जांच के लिए यूरिन का सैंपल दिया जाएगा। इससे महिलाओं को यह फायदा होगा कि इस वायरस के टेस्ट के लिए उन्हें अब आपातकालीन शांति रखने की जरूरत नहीं होगी।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम भी शुरू होने जा रहा है। इस राष्ट्रीय योजना के तहत, सरकार किटों को लागू करने का प्रयास करने जा रही है जिससे यह इलाज आम जनता के लिए भी सुलभ और व्यापक बना सके।
इन किट्स की एक खास बात यह है कि इससे सर्वाइकल कैंसर का इलाज सिर्फ 40 सेकेंड में हो सकेगा। राष्ट्रीय प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य संस्थान (एनआईआरआरसीएच), मुंबई और एनआइसीपीआर, नोएडा में ट्रायल शुरू हो गया है जहां प्राथमिक परीक्षण का प्रयोग हो रहा है।
इन किट्स की एक और अहमियत यह है कि ये सस्ते और सुलभ होंगे। स्वदेशी बनाने के कारण, इनकी कीमत भी काफी कम होगी और लोगों के लिए अधिक देखभाल का माध्यम बन सकती हैं। ये किट्स अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सत्यापित किए जा रहे हैं।
साल 2020 में देश में सर्वाइकल कैंसर के अनुमानित 123,907 मामले आए और 77,348 मरीजों की मौत हुई। इसलिए ऐसे नए और सस्ते इलाज की खबर भारतीय महिलाओं के लिए बड़ी राहत होगी। आशा है कि इन नवीनतम प्रगतियों से सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक बदलाव लाए जा सकेंगे।
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