“एम-पोस्टमॉर्टम” पर सरजिकल कैंसर के इलाज के लिए नई स्वदेशी किट तैयार
सामरिकी शोध, आपूर्ति, तकनीकी विकास और सरकार के सहयोग से, तीन भारतीय वैज्ञानिकों ने सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए तीन स्वदेशी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) किट तैयार की हैं। यह किट अब एम्स और अन्य विशेषज्ञ लैब में ट्रायल के लिए उपलब्ध है।
इस नवाचारी तकनीक के माध्यम से, एचपीवी वायरस के जटिल परिणामों को जांचा जा सकेगा और इससे कैंसर की पकड़ में सहायता मिलेगी। एक उपयुक्त यूरिन सैंपल के माध्यम से, यह किट खुद को शोधकर्ताओं को वायरस के मौजूद बताएगी और इसे ट्रीट करने के लिए आवश्यक कदम बताएगी।
एम्स सहित अन्य प्रमुख संस्थानों ने इस किट पर ट्रायल शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में, रिपोर्ट पाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगेगा। इसके अलावा, यह किट सस्ते और सुलभ होगी और विदेशी किटों की तुलना में यह राष्ट्रीय बाजार में सस्ता मिलेगी।
सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसकी शानदार इलाज सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है। नए वैवाहिक वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत, सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
2020 के भारत में आपूर्ति और आपूर्ति संचालन की वजह से संख्या पर जानकारी प्रदान की जाती है। व्यापक पुनरावृत्ति में से, पिछले वर्ष में देश में एक लाख तिरस्कृत मामले हुए हैं, जिसके कारण 77,348 मरीजों की मौत हो गई है। यह किट संख्या कम करेगी और सर्वाइकल कैंसर की जेज पर संकेत करेगी, इससे कराने खामियों का पता लगने में आसानी होगी।
यह सद्भावना युक्त कदम ऐसा है जिससे भारतीय जनता को फायदा होगा और उन्हें आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। एचपीवी वायरस के इलाज की एक नई और अहम पहल है, जो भारतीय बाजार में कोई नई उम्मीदें पैदा करेगी। भारतीय वैज्ञानिकों की महत्त्वपूर्ण प्रगति के पश्चात, इसकी संपर्क कार्यक्षेत्र बढ़ा और सर्वाइकल कैंसर के इलाज में आगे की स्थिति को सुनिश्चित किया।
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