‘विटामिन-डी: सेहत के लिए अहम’
विटामिन-डी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसकी कमी से बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। यह सचमुच हमारी सेहत और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
पहले बात करें हड्डियों की। विटामिन-डी हार्डियों को मजबूत बनाता है और उन्हें टूटने से भी बचाता है। इसका अधिकारिक नाम होता है Rickets, जो शिशुओं के बोन्स को टूटने से बचाता है। इसकी कमी के कारण शिशुओं को रिकेट्स नामक समस्या हो सकती है।
विटामिन-डी इम्यून सिस्टम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। यह इसे मजबूत बनाता है और उसकी क्षमता को बढ़ाता है जिससे आपको गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। अस्थमा के साथ-साथ भी विटामिन-डी की कमी होने पर यह बच्चों को अस्थमा की समस्या पैदा करने की प्रवृद्धि दे सकता है।
विटामिन-डी दिमाग के विकास में भी सहायता करता है। यह दिमागी सुविधा के लिए बेहतरीन होता है।
इसके संदर्भ में, काफी संख्या में मांसपेशियां भी इसे मजबूत बनाने में योगदान करती हैं। विटामिन-डी की कमी के कारण शिशुओं की गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं।
इन्हीं कारणों से डॉक्टरों का कहना है कि डिफिशिएंसी से बच्चों को सप्लीमेंट्स या सन एक्सपोजर के जरिए विटामिन-डी का सेवन करना चाहिए। इससे उनका स्वस्थ विकास तेजी से होगा।
इसके अलावा, मां के दूध से शिशु को विटामिन-डी की कमी का खतरा नहीं होता है। जैसा कि डॉक्टरों ने बताया है कि मांसपेशियों का सही सेवन इसे नियंत्रित रख सकता है।
यदि आप चाहें तो अपने डॉक्टर से सलाह ले कर इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। ध्यान दें कि विटामिन-डी एक खाद्य पदार्थ है और इसे सही मात्रा में आपके आहार में शामिल करना चाहिए।
विटामिन-डी के स्वस्थ आहार विकल्पों में शामिल हैं सूरज की किरणें, बंदगोबी, मशरूम और सिलमी मछली। इन्हें नियमित रूप से खाएं और स्वस्थ जीवन जीएं।
विटामिन-डी की कमी के कारण होने वाली सभी समस्याओं से बचने के लिए इसकी नींव स्वास्थ्यपूर्ण आहार ही है। इसे पूरा करने के लिए इसकी उचित मात्रा का सेवन करें और अपने और अपने परिवार के संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
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