15 अप्रैल को भारतीय इक्विटी इंडेक्सों में गिरावट का सामना करना पड़ा जिससे निवेशकों की चिंता में इजाफा हो गया। इस गिरावट के माध्यम से सेंसेक्स 73,399.78 पर 1.14% और निफ्टी 22,272.50 पर 1.10% गिरे। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण इज़राइल और ईरान के बीच तनाव है जिसने निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाला। सभी सेक्टरों में बिकवाली देखने को मिली और बीते हफ्ते की तरह इस हफ्ते भी बाजार में गिरावट की शुरुआत हुई।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि ग्लोबल झटकों ने सेंटीमेंट को खराब किया है और इसकी वजह से निफ्टी 22,272.50 पर गिरा है। सारे सेक्टर लाल निशान में बंद हो गए हैं और मीडिया और पीएसयू बैंकों का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। इस हफ्ते मीड और स्मॉलकैप में भी अधिक करेक्शन देखने को मिला।
मध्य-पूर्व में बिगड़ते हालात और अनिश्चितता के चलते बाजार में विपरीत रहा माहौल देखा गया है। दलाल स्ट्रीट में निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है और भारतीय बाजारों में बड़े आधार पर बिकवाली देखने की संभावना है। भू-राजनीतिक तनाव और ब्याज दर में कटौती की चिंता भी निवेशकों को परेशान कर रही है।
16 अप्रैल को बाजारी स्थिति की जानकारी रखने के लिए निफ्टी के 22,185 के सपोर्ट और 22,430 के रजिस्टेंस पर ध्यान दिया जा रहा है। अगर करेक्शन जारी रहा तो भारतीय बाजार में बड़े आधार पर बिकवाली देखने की संभावना है।
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