अमेरिका ने ईरान के लिए काम करने के आरोप में दर्जनों कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। इस कदम के तहत कुछ कंपनियां भारत की भी हैं, जिन पर आरोप है कि ये ईरानी सेना के लिए काम कर रही थीं। ये कंपनियां अवैध व्यापार और ट्रांसफर करने में ईरान की मदद कर रही थीं।
अमेरिका ने इस कार्रवाई को 25 अप्रैल को की है और इन कंपनियों के खिलाफ आरोप लगाया है। भारत की भी कुछ कंपनियां इस आरोप के तहत आती हैं, जिसमें सहारा थंडर कंपनी का नाम भी शामिल है। सहारा थंडर कंपनी ईरानी रक्षा और सशस्त्र बल रसद मंत्रालय के अंडर काम करती है और उसकी व्यावसायिक गतिविधियों की देखरेख भी करती है।
इसके समर्थन के लिए 3 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें जेन शिपिंग, पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग का कहना है कि इन कंपनियों ने ईरानी मानवरहित हवाई वाहनों की बिक्री को आसान बनाना और फाइनैंस करने में भूमिका निभाई है।
सहारा थंडर ने कुक आइलैंड्स-फ्लैग्ड जहाज के लिए भारत की जेन शिपिंग और पोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ टाइम चार्टर कॉन्ट्रैक्ट किया है। इसके अलावा सी आर्ट शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और UAE की कंपनी ट्रांस गल्फ एजेंसी LLC ने भी सहारा थंडर के समर्थन में शिप मैनेजमेंट सर्विसेज देने में मिलकर काम किया है।
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की प्रेस रिलीज के मुताबिक, ये कंपनियां ईरानी मानवरहित हवाई वाहनों की बिक्री और शिपमेंट में भी शामिल रही हैं। यह प्रतिबंध पर अमेरिकी सरकार का दावा है कि ये कदम देश की सुरक्षा हेतु उचित है।
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