हिमाचल प्रदेश में आईफ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मेडिकल स्टोरों में रोग से निपटने वाली दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया है। इसके साथ ही मूंगरों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है, जो संपूर्णता के बाहर खोखली हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने आंखों के रोगों से संबंधित दवाइयों की अतिरिक्त मांग की है। कांगड़ा जिले में आईफ्लू ने पैर पसार लिए हैं। जिले भर में रोजाना 500 के करीब मरीज पंजीकृत हो रहे हैं। कई मेडिकल स्टोरों में क्लोरोमायसेटिन आई एप्लिकेव (मूंगे) की डिमांड में बढ़ोतरी हुई है। एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स की भी मांग बढ़ी है। मेडिकल स्टॉरों में स्टॉक खत्म हो गया है और दवाइयों की निर्माता कंपनियों के पास भी स्टॉक नहीं है। इसके बावजूद, आईफ्लू से संबंधित दवाइयों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों की अतिरिक्त मांग के बारे में सूचना भेजी है। आईफ्लू से संबंधित रोजाना 500 के करीब मामले सामने आ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में आईफ्लू के प्रकोप का बढ़ता हिस्सा बना है। इससे प्रभावित होने वाले मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। दवाइयों की खासतों का ख्याल रखते हुए, हिमाचल प्रदेश के कई मेडिकल स्टोरों में अब रोगों से निपटने वाली दवाओं का स्टॉक समाप्त हो गया है। विभिन्न बीमारियों की इलाज के लिए आंखों के रोगों से संबंधित दवाओं की डिमांड के बढ़ने के कारण, मेडिकल स्टोरों में मूंगरे की मांग भी बढ़ गई है। इस वजह से कई स्टोरों में क्लोरोमायसेटिन आई एप्लिकेव (मूंगे) की आपूर्ति कम हो गई है। इसके अलावा, एंटीबायोटिक्स आई ड्रॉप्स का नामकीन का उपयोग करने की मांग भी बढ़ी है।
हालांकि, इस बढ़ियां स्थिति के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए उपाय ढूंढ़ने में सक्षमता दिखाई है। उन्होंने अतिरिक्त दवाओं की मांग पर एक विशेष जाैच की है और संभवतः रोजाना 500 के करीब मरीजों की आंखों के रोगों के लिए रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले को भी आईफ्लू की चपेट में आने का लगभग अनुभव हो रहा है। यहां स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से कार्रवाई करते हुए रोजाना 500 के करीब मामले पंजीकृत हुए हैं।
यह स्थिति इसलिए चिंताजनक है क्योंकि दवाइयों का स्टॉक मेडिकल स्टारों में खत्म हो चुका है। दवा निर्माता कंपनियों के पास भी अब पर्याप्त स्टॉक नहीं बचा है। हालांकि, इन सभी बाधाओं के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग ने अतिरिक्त दवाइयों की खाली जगहों को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं। वे दवाइयों की अतिरिक्त मांग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और इस भयानक बीमारी से प्रभावित होने वाले लोगों को अच्छी तरह से उपचार की सुविधा प्रदान करने में सतर्क रहेंगे।
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