सोमेटिक थेरेपी मन और शरीर के संबंध पर आधारित होती है। इस थेरेपी में विशेष तकनीक के माध्यम से दबे हुए आघात को मुक्त किया जाता है। सोमेटिक थेरेपी में फीडबैक लूप का महत्वित रोल होता है। शरीर में दबी नकारात्मक भावनाएं इस थेरेपी के द्वारा ठीक की जा सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस थेरेपी का अभ्यास करने से मस्तिष्क के अंदर दबी नकारात्मक भावनाएं खत्म हो जाती हैं। इस थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति में एक प्रकार का नया संतुलन स्थापित होता है। यहाँ तक कि शारीरिक बिमारियों का भी इसे उपचार कहा जाता है।
इस थेरेपी में व्यक्ति को विभिन्न तकनीकों का प्रयोग करना पड़ता है। इनमे सांस लेने के व्यायाम, ध्यान, नृत्य आदि शामिल हो सकते हैं। इन तकनीकों के माध्यम से व्यक्ति अपने शरीर को जागरूक करता है और अपने आंतरिक संघर्षों से निकलने का प्रयास करता है। इस थेरेपी के प्रभाव से लोगों के हार्ट रेट और उच्च रक्तचाप की स्तर भी कम हो सकते हैं। ऽ
सोमेटिक थेरेपी मनोवैज्ञानिक और शारीरिक मार्गदर्शन का ऐसा विधान है जो व्यक्ति को उसके आंतरिक विकारों के साथ संपूर्ण रूप से पहचानने और ठीक करने में मदद करता है। इससे शरीर का संतुलन रहता है और व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होता है। इसके अलावा इसे रिश्तों और व्यक्तित्व की ताकत का एक महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
सोमेटिक थेरेपी को पूरी दुनिया में शोध केंद्रों और हॉस्पिटलों में अपनाया जा रहा है। इसका एक मुख्य लक्ष्य मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में सुधार करना है। इसे अच्छी तरह से समझने के लिए व्यक्ति को इस थेरेपी का अभ्यास करना चाहिए। सोमेटिक थेरेपी एक ऐसी कारण होती है जिसे हम खुद अपने मन और शरीर के लिए कर सकते हैं।
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