एक नए अध्ययन के अनुसार, हाइपरवैक्सीनेशन का प्रतिरक्षा प्रणाली पर कोई प्रभाव नहीं होता है। इस अध्ययन को ‘द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज जर्नल’ में प्रकाशित किया गया है। जर्मनी में एक व्यक्ति की जांच में पाया गया कि वह 217 टीके लगा चुका है और उसका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कार्यात्मक है।
हाइपरवैक्सीनेशन का मतलब है जरूरत से अधिक टीके प्राप्त करना, जो संभावित रूप से जोखिम पैदा कर सकता है। अत्यधिक टीकाकरण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएँ भी हो सकती हैं। लेकिन इस अध्ययन के अनुसार, हाइपरवैक्सीनेशन से किसी भी प्रकार की असह्य समस्या का सामना नहीं होता है।
शोधकर्ताओं ने व्यक्ति के पास SARS-CoV-2 के खिलाफ टी-प्रभावक कोशिकाएँ पाई हैं, जो वायरस से लड़ने में मदद करती हैं। इस अध्ययन से भी स्पष्ट होता है कि वैक्सीनेशन करने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान नहीं पहुंचता है। शरीर की इम्यूनिटी सिस्टम वायरस से लड़ने में काफी सक्षम होती है, जो टी-प्रभावक कोशिकाएँ हैं।
शोधकर्ताओं का यह कहना है कि इस अध्ययन पर आधारित वैक्सीनेशन कार्यक्रम सुरक्षित और प्रभावी साबित हो सकता है जो लोगों को बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है। इस अध्ययन से मिली यह महत्वपूर्ण जानकारी लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है और वैक्सीनेशन के महत्व को साबित करती है।