कुष्ठ रोग को खोजने के लिए एक विशेष अभियान 16 अक्टूबर से 4 नवंबर तक मनाया जाएगा। इस अभियान के तहत, ब्लॉक कम्युनिटी ऑफिसर को डॉ. हरीश आर्य द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। डॉ. आर्य ने भ्रांति, अंधविश्वास, जागरूकता, संभावित रोगी की पहचान व इलाज के लिए माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। यह अभियान भारती पटेल द्वारा 13 सितंबर को नि:शुल्क आयुष्मान स्वास्थ्य शिविर में घोषित किया गया था। यह आयोजन जागरूकता बढ़ाने एवं अधिक से अधिक हितग्राहियों को इस योजना के लाभ दिलाने का एक प्रयास था। यह अभियान बीएमओ डॉ. राहुल वर्मा, बीपीएम एसएस चौहान, योगेश शर्मा, राजेंद्र भावसार सहित स्टाफ सदस्यों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
इस अभियान का मुख्य ध्येय कुष्ठ रोग को खोजने और इससे जुड़े भ्रांतियों और अंधविश्वासों को दूर करने का है। डॉ. आर्य ने यहां उपस्वास्थ्य केंद्र के ब्लॉक कम्युनिटी ऑफिसर को अपने निर्देशों के बारे में प्रशिक्षण दिया है। इस प्रशिक्षण के दौरान, डॉ. आर्य ने कुष्ठ रोग से जुड़े मिथकों और अंधविश्वासों के बारे में बताया है, जो लोगों में यह भ्रम पैदा करते हैं कि यह रोग जादू टोने से उत्पन्न होता है और इसका इलाज संभव नहीं है।
साथ ही, डॉ. आर्य ने पेशेवर संघ और सामुदायिक स्वास्थ्य मध्य जैसे संगठनों के साथ माइक्रो प्लान बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। इस योजना के तहत, ध्यान देने योग्य क्षेत्रों की एक विस्तृत सूची बना ली गई है जिनमें संभावित कुष्ठ रोगी स्थानीय मेडिकल सुविधाओं की मदद से इलाज प्राप्त कर सकते हैं।
कुष्ठ रोग एक संक्रामक बीमारी होने के कारण उन्हें अकेलापन, सामाजिक बहिष्कार और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए, इस अभियान का आयोजन किया गया है ताकि लोगों के मन में उठने वाले संदेहों और अंधविश्वासों को दूर किया जा सके और उन्हें सही जानकारी तथा इलाज की आवश्यकता दे सके।
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