बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फ्लू का तेजी से फैलना आज भी जारी है। संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना और बढ़ गई है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग ने 50110 आई ड्रॉप माँग ली है। इन आई ड्रॉपों को लोनी, करहेड़ा और अटोर में जांच के बाद बांटा जाएगा। जांच के दौरान 142225 ओआरएस के पैकेट और 81000 क्लोरीन की गोलियां स्टोर से मंगवाई गई हैं। साथ ही, 500 किलो ब्लीचिंग पाउडर भी भेजा गया है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने 5000 से अधिक मरीजों के दवाएं वितरित की हैं, जिनमें शामिल हैं कई आई फ्लू के मरीज। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय नेत्र रोग विशेषज्ञ बीमारों का इलाज कर रहे हैं। पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया, “हमने यह सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय अपनाए हैं कि इस बाढ़ के बावजूद बीमारी का कोई नया केस न आए। अगर इसका कहीं न कहीं असर पड़ा है तो हम तुरंत कदम उठाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई दिखाई दे, तो उन्हें तुरंत सूचित करें, ताकि सेहत के मामले में कोई हानि नहीं हो। वह भी बताया कि इस समय बाढ़ कम हो रही है, लेकिन फ्लू की वजह से कई लोग बीमार हो रहे हैं, इसलिए डॉक्टरों के पास जल्दी से जल्दी जाना चाहिए। बाढ़ से प्रभावित स्थानीय लोगों ने अधिकांशतः अचानक और आवारा लोगों एवं अफवाहों से बचने के लिए थोड़ा ऊँचा ठिकाना चुन लिया है। फ्लू को लेकर जागरूक होने के लिए औषधियों और वैक्सीनेशन का सही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि पूरी दुनिया में फ्लू से मृत्युदर का आंकड़ा बहुत ज्यादा है।