छह साल के बच्चे पॉल अलेक्ज़ेंडर जीने की जंग: लोहे के फेफड़ों से सांस लेने की लड़ाई
दुखद जानकारी के साथ आई है कि दिल्ली के निवासी छह साल के पॉल अलेक्ज़ेंडर ने पोलियो से बचाने के लिए लोहे के फेफड़े (आयरन लंग मशीन) की लड़ाई जीत ली। इस योद्धा बच्चे ने अपनी ज़िंदगी की भरपूर मिट्टी में रखकर एक वीरता की मिसाल पेश की है।
इस जंग में बढ़ते पॉल के लिए मशीन के कंपनी मिटने के बाद रिकॉर्ड तोड़ने वाले व्यक्ति बने। इसके अलावा पॉल ने अपने दोस्तों को अलग करते उनका ज़िंदादिल रखा और पोलियो के पीड़ितों की मदद के लिए अपनी ज़िंदगी अर्पित की।
पॉल अलेक्ज़ेंडर ने उम्र के छह साल तक लंबे समय तक लोहे के फेफड़ों से सांस लेने के बाद अंतहीन साहस और हौसले की अद्भुत मिसाल पेश की। उनके योगदान की जानकारी मिलते हुए हम सभी उन्हें सलाम करते हैं और उनकी वीरता को सराहना करते हैं।
इस जीत के बाद पॉल अलेक्ज़ेंडर के विलीन हो जाने के बाद देश में शोक की लहर छाई है। उनके परिवार और दोस्तों को हम संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके योगदान को सदैव याद रखेंगे।
पॉल अलेक्ज़ेंडर की वीरता और साहस से हम सभी को सीख मिलती है कि हमें हमारी संघर्षशीलता से कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा जोश और उत्साह बनाए रखना चाहिए।
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