हिज्बुल्ला ने इजरायल पर बड़ा हमला किया है। इस हमले की रौनक व्यवस्था नेताओं के बारे में थी। हमास नेता शेख सालेह अल-अरुरी की मौत के बाद, हिज्बुल्ला ने इजरायल पर हमला किया है। यह अपमानजनक हमला है जो इस मोड़ पर।
हमसे मिले एक सूत्र के अनुसार, इस हमले के कारण ही जो इजरायल मौके पर गिराए गए टेररिस्ट सेल को टारगेट करके दिया गया है। इसे करने के बाद, इजरायली वायुसेना ने हिज्बुल्ला के हमलों के कारण अपने लड़ाकू विमान उतारने में असमर्थ हो गई है।
साथ ही, दूसरी ओर, इजरायल को इस हमले का जिम्मेदार माना जा रहा है। इसका मतलब है कि इजरायल और हमास के बीच शुरू होने वाली गहराई में चल रही जंग का इन-बाहर हो रहा है।
इसके अलावा, इजरायल ने जहां समस्त कीमतें खो दी हैं, वहीं हमास ने इजरायल पर 7 अक्टूबर से बेश पांच हजार रॉकेटों की बारिश की है। हिज्बुल्ला संगठन से जुड़े हुए हमास, जिसे इजरायल पर सीधे गठबंधन भी माना जा रहा है।
पूरे मामले को ध्यान में रखते हुए, हिज्बुल्ला और हमास के बीच बेजोड़ युद्ध जारी है। यह पहली बार है जब किसी हमास नेता की मौत शांतिपूर्ण तनाव भरे क्षेत्र से भी बाहर हुई है।
हमाने सूचना प्राप्त की है कि नेताओं के बीच झूले हुए कार्यों के बीच, इंटरनेशनल संचार में इजरायली विमानों के वादे के फलस्वरूप, यह संभावित है कि इजरायली वायुसेना अब अपने वक्षों को कम कर रही हो।
इसके अलावा, बेरूत में हुए अटैक के बाद, इजरायल को जिम्मेदार माना जा रहा है। इजरायल में हमास नेता की मौत एक नया मोड़ है। इसे खुद हिज्बुल्ला और हमास द्वारा ‘आरएफ’ भी माना जा चुका है। इंटरनेशनल संप्रेषण में इज़रायल का वक्ष कम गेई है।
इस जंग में, हिज्बुल्ला ने उत्तरी इजरायल पर 62 मिसाइलें दागीं हैं। इजरायल को इस पर हमला करने के लिए एक ऐसे प्रमुख रूप में मान रहा है कि यह इसलिए हो रहा है कि इजरायल की पुस्तक सिटी में ये सहकर्मी विदेशी संगठन देखी गई।
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