पिछले दिनों जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या हुई। इस हत्याकांड के संबंध में राजस्थान के दबंग आईपीएस दिनेश एमएन को काम वापस बुलाया गया। छुट्टियों के बीच ही अपनी ड्यूटी पर लौटे और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या की जगह पर पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर हमलावरों के ठिकानों और उनके बारे में जानकारी जुटाई। सुरक्षा के नजरिये दबंग आईपीएस दिनेश एमएन ने समय बिताते हुए वारदात के पत्र को जैकेट में फांसे रखा था। राजस्थान पुलिस के इस कार्यपालक ने विचारशीलता का नया उदाहरण पेश किया। उनकी कार्यवाही इस वजह से खासा सुर्खियों में बची।
एक स्पेशल टीम तकनीकी तरीकों से इन हमलावरों की खोज कर रही है। इसके अलावा अन्य टीमें परिजनों, रिश्तेदारों और साथियों से पूछताछ कर रही हैं। पुलिस का मानना है कि इस हत्याकांड में कई लोगों का सहयोग रहा हो सकता है। इसलिए, उन्होंने साथियों, पड़ोसियों और परिजनों के बारे में सभी संभावित जानकारी जमा करने के लिए जांच की शुरुआत की है। उनके गिरफ्तार होने के खतरे को देखते हुए हमलावरों के फरार होने के रूट का पता चल चुका है।
राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में इन हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबिश देना शुरू कर दिया है। राजस्थान पुलिस ने अपनी ताकत का उपयोग कर इन अपराधियों की तलाश में आईपीएस दिनेश एमएन की भूमिका को महत्व दिया है। उनकी आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखते हुए वह अपने कार्य को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से कर रहें हैं। उन्हे पुलिस विभाग ने सराहा गया है।
हत्याकांड के संबंध में अभी भी नई-नई जानकारियां जुटा रही हैं। पुलिस और विशेष टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं ताकि यह जानकारी पता लगा सकें कि हत्या किस उद्देश्य से और किसने की गई है। यह अपराध अत्यंत गंभीर है और इसका तत्परता से जांच किया जा रहा है। पुलिस ने लोगों से सहयोग का आग्रह किया है और उन्हें कोई भी संदेहवादी व्यक्ति की जानकारी देने के लिए पुलिस स्टेशन पर चले जाने का आदेश दिया है।
इस मामले में साथ में संगठन के विभाजन की भी संभावना जाँची जा रही है। हत्या का पर्दाफाश करने पर संगठन और सरकार का मामला सुरक्षित रहना चाहिए। इसमें सियासी रंग नहीं लगाना चाहिए और बल्कि हमेशा अच्छी चिंताओं का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।
“Zombie enthusiast. Subtly charming travel practitioner. Webaholic. Internet expert.”