“सीनियर डिजिटल कंटेंट क्रिएटर की कहानी”
एक सम्मानित डिजिटल कंटेंट क्रिएटर की कहानी आपके सामने है। इस क्रिएटर की उपस्थिति के साथ, उनकी कठिनाइयों और संघर्षों का खुलासा हो रहा है। इस क्रिएटर की पत्रकारिता की शुरुआत रेडियो और टीवी से हुई थी, लेकिन वो अब डिजिटल मीडिया से जुड़े इस सफर का हिस्सा बन गए हैं। इन पिछले 8 सालों से, वो अखबारों में अपने लेखों और समाचारों को पेश कर रहें हैं, जैसे IND-24, दैनिक जागरण, और अमर उजाला। अपनी कमाल की पत्रकारिता के साथ, यह क्रिएटर रायपुर, इंदौर, और भोपाल में अपना पहला कदम रखने के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में काम कर रहें हैं।
यह क्रिएटर को अपना पेशा बनाने और खेलने-देखने के मामले में खास दिलचस्पी है। वो क्रिकेट के खेलने और खबरों को लेखन में अपने अंदाज़ में पेश करने के साथ-साथ, अपनी पत्रकारिता में भी स्पोर्ट्स खबरों को कवर करते हैं। इसके अलावा, उनकी राजनीतिक में भी दिलचस्पी है और वो राष्ट्रीय और उच्च स्तरीय मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं।
क्रिएटर के खाली समय में वो फिल्में देखना पसंद करते हैं और उनकी रसोईघर में खाना बनाने की कला में उन्हें माहिर होना इसका प्रमाण है। पेशेवर जीवन में उच्चतम शिखर पर पहुंचने के बाद भी, क्रिएटर के लिए जीवन का सबसे बड़ा आनंद खाना खाना है।
इस क्रिएटर की कहानी में परिश्रम, समर्पण, और इच्छाशक्ति की कहानी छिपी है। उनके अद्वितीय और मनोहारी साहित्य को उपस्थित करने के लिए, एक बार फिर वह सबूत बन जाते हैं कि इच्छाशक्ति और कर्म आखिरी में जीत लेते हैं।
यह स्नेही क्रिएटर की कहानी आपको और नये और रोचक पहलुओं को खोजने के लिए प्रेरित करेगी। उनका संघर्ष, सफलता की कहानी और अन्य रोचक व्यक्तिगत विवरण, ‘E-Postmortem’ वेबसाइट पर आपके सामने खुले पड़ेंगे।
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