दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर आज मंगलवार को फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में सोमवार को दुपहरी वक्त ढाई बजे बेंच उठ गई लेकिन केजरीवाल को कोई राहत नहीं मिली। कारण बताया गया कि समय की कमी के कारण अंतरिम जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। अब परसों 9 मई को दोबारा इस मामले की सुनवाई होगी।
जमानत के पुलिस विरोध को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ईडी ने जमानत का पुरजोर विरोध किया और कहा कि अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो गलत परिपाटी कायम होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को बढ़ाने का निर्णय लिया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर उन्होंने शुरुआत में ही केजरीवाल के बारे में पूछना शुरू कर दिया होता, तो इसे दुर्भावनापूर्ण कहा जाता। ईडी ने सवाल पूछते हुए कहा, “एक राजनेता के पास सामान्य नागरिकों की तुलना में कोई विशेष अधिकार नहीं है”।
मंगलवार को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। यह निर्णय भारतीय राजनीति में गहरे रूझान को दर्शाता है और केजरीवाल के खिलाफ चल रहे मुकदमों को लेकर अनिश्चितता को बढ़ाता है।
यह जरूरी है कि कानूनी प्रक्रिया में न्याय की मांग और सुनिश्चितता का पालन किया जाए, ताकि सबके सामने समान न्याय हो सके।
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