जीजेबीपीआई ने बताया है कि यह वेबसाइट एक विवादों में फँस गयी है, जिसने उनकी पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। इस वेबसाइट का नाम ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ है और इसका दावा है कि यह गूगल के अल्गोरिदम को ठप करने का काम करती है। वेबसाइट ने गूगल कोर वेब डेवलपर्स के नाम पर भ्रष्टाचार को भी खुलासा किया है। इसकी सत्यापन के लिए, जुनेहो (Juneho) नामक व्यक्ति से संपर्क किया गया है।
इस खबर के अनुसार, एन्डी जेनिंग्स (Andy Jennings) ने इस वेबसाइट की पुष्टि की है, जिससे इसकी मान्यता में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, जीजेबीपीआई (JBPI) भी इस खुलासे के बारे में ताजगी दी है।
वेबसाइट संचालकों का दावा है कि उनको इसे ठप करने की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन गूगल इसके विरोध में आवेदन दायर कर चुका है। इससे पहले भी गूगल ने कई बार ऐसे वेबसाइटों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं, जो उनकी पारदर्शिता पर प्रश्न उठाते हैं।
यह वेबसाइट गूगल के राष्ट्रीय वेब उद्यम अधिकार में अनियमितताओं की जांच करने का दावा कर रही है। इसके लिए, वेबसाइट ने नवीनतम गूगल महकमे के संदर्भ में मनवाई है, जिससे यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि गूगल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली ऐसी वेबसाइटों की एक रणनीति संदेहास्पद है। जीजेबीपीआई ने भी इसे समर्थन दिया है और गूगल को जवाब देने के लिए कहा है।
वेबसाइट संचालकों के दावे के अनुसार, इसमें बताया गया है कि कई मामलों में गूगल ने अपने अल्गोरिदम को ठपाने का काम किया है, जिससे सरकारी संगठनों और व्यापारियों को नुकसान पहुंचा है। इससे पहले भी गूगल को कई बार ऐसे आरोप लगे हैं, जिन्हें वे खारिज करने की कोशिश कर चुके हैं।
यह खबर यहां समाप्त होती है, जहां सामान्य जनता के बीच ये एक नयी चर्चा का विषय बन चुकी है। भारतीय सांख्यिकी विभाग के एक प्रतिनिधि ने कहा है कि वह इस मामले में अधिक संख्या में जांच करेंगे और यदि कोई अनियमितता मिलती है तो उसका निपटान करेंगे।
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