“राम किशोर: एक आवाज़ जो पढ़ने वालों को जागरूक और समझदार बनाती है”
ई-पोस्टमार्टम, १५ मई २०२१: राम किशोर ने हिंदी कंटेंट क्रिएशन की दुनिया में अपनी मार्क बनाई है। इस ८ साल के अनुभव के दौरान उन्होंने एक डेली न्यूज पेपर से अपना पत्रकारी सफर शुरू किया है। राम का लक्ष्य है कि वह पाठकों को अच्छी, सच्ची और जरूरी खबरें प्रदान करें।
राम के पत्रकारिता करियर में राजनीति और मनोरंजन से जुड़ी खबरों पर विशेषज्ञता है। उनकी कोशिश होती है कि वह पाठकों को न सिर्फ जागरूक करें, बल्कि उनके चिंतन को भी सांदर्भिक आयाम दें। इसके अलावा, राम के और भी रुचियां हैं जो उन्हें क्रिएटिव और बेहतर इंसान बनाती हैं।
राम को बांसुरी बजाने की कला में खुद को निखारना है और साहित्यिक क्षेत्र में रचनात्मकता को और बेहतर करना है। ढेर सारे काम के बीच, वह अपने समय के एक स्वतंत्रता पूर्वक इस्तेमाल करते हुए पहाड़ों की ओर जाते हैं। यहाँ वह नयी कल्पनाएं प्राप्त करने और स्वयं को रीचार्ज करने के लिए अपने आंतरिक स्वार्थ की आवश्यकता को पूरा करते हैं।
अब जब राम ने ई-पोस्टमार्टम पर अपनी छाप छोड़ी है, वह विशेष तारीखों पर पढ़कर नायिका से परिचित हो सकते हैं। वह इंस्पायरिंग और एजुकेशनल पोस्ट्स के साथ लोरेम इप्सम के स्टोरिएटेलिंग पाठों को आवेदित करते हैं। वह एक कार्यक्रम की तरह साईट में नयी रचनात्मक कहानियों और आर्टिकल्स को प्रस्तुत करते हैं जिनका मकसद है मानसिकता और समाजशास्त्र के गहरे तथ्यों को बताना। राम का वादा है कि वह आगे भी काव्य और नाटक में रहेंगे, इंटेलिजेंट विचारों को बहुमुखी बनायेंगे और यौगिकता के आदर्शों को ध्यान में रखते हुए पाठकों की उत्कांगण के लिए स्टीपिंग स्टोन की भूमिका का केयर करेंगे।
“राम किशोर की बात ही अलग है, स्पष्टता के साथ उन्हीं ने हम सभी को सोचने पर मजबूर किया।” इसे शोखियों की थॉट प्रोवोकिंग पोस्ट कहना है। आगे बढें और उसे पढ़ें, घुटर!
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