झारखंड में हाल ही में मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। यह उनके निजी कारणों के चलते हुआ है। सरफराज अहमद का पहले कांग्रेस में था और उन्हें टिकट देकर जीत दिलाई गई थी, लेकिन अब उन्होंने पहले लोकसभा और अब विधानसभा में इस्तीफा देने का फैसला किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सरफराज अहमद के इस्तीफे को मंजूर कर दिया है और उसने इस बारे में अधिसूचना जारी की है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस बारे में टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है और उन्होंने इसे अश्लील राजनीतिक खेल के रूप में बताया है। इसके अलावा वह इस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इस घटना को भाजपा सरकार के लिए शर्मनाक माना है और कहा है कि वे प्रदेश के हित में कार्रवाई करेंगे।
सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में उनकी वापसी की संभावना है। इसके साथ ही उन्हें लोगों का समर्थन भी मिल रहा है। हलांकि, यह अभी तक केवल अनुमान बनी हुई है और आगे की कार्रवाई के बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। सरफराज अहमद के पिता भी गिरिडीह से सांसद रह चुके हैं और उनके साथ उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी समर्थन है।
इस तरह, सरफराज अहमद के चरित्र निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं और इससे वह एक राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गए हैं। इसके बावजूद, लोग उन्हें कांग्रेस के मंत्री के रूप में फिर से देखना चाहते हैं और उनको उम्मीद है कि इस बारे में तेज़मन्तर पत्रिका का निर्णय बहुत जल्दी आएगा।
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