“सुष्मिता सेन, ‘ई-पोस्टमॉर्टेम’ संकालन के लिए अनुदानकर्ता, ने अपने ज़िन्दगी में कई पुरुषों के साथ डेटिंग की है, लेकिन शादी नहीं की है। शायद कहीं अन्य कला द्वारा व्यस्त रहनेकी मजबूरी, नयी परियों के प्रवेश से बाघबंद या मायने बन गए हैं।
कहीं खबरें हैं की वर्ष 2000 में, किसी से केवल 24 साल की उम्र में, बेटी रेनी को गोद लिया था। पहली देखावट पर स्त्री होने का दबाव महसूस नहीं होने के बाद, वह नहीं बस खालीजान तथा घोड़े बन गई। असंगति के हृदय-कांपों के बावजूद, उसने बेटी अलीसा को जन्म देने का फैसला किया। वे कहती हैं, “मेरे पति नहीं, मेरी हँसी, मेरी यात्रा, मेरे सपने हैं।”
यहाँ सतर्कता सेन बेटियों के पिता की प्रगतिशील चिंता में विश्वास करती है। उनकी सफलता और उन्नति को देखते हुए उसे दुख महसूस नहीं होता। वह कहती हैं, “मैंने अपने बच्चों को पढ़ाई, विज्ञान और जीवन से प्यार की सीख दी है। उनके पिता की कमी को महसूस करना मेरे बच्चों के लिए कोई मुद्दा नहीं है।”
रेनी ने हाल ही में प्रस्तुत वेब सीरीज ‘ताली’ में महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया है। उसने इस वेब सीरीज़ में मुख्य भूमिका निभानी का अदान-प्रदान किया है। यह उनकी शानदार प्रवेश था और आप सभी के इंतज़ार के हकदार थे।
अलीसा को इतनी ही प्रभावित करता है कि वह विदेश में अध्ययन के लिए जा रही है। उसने इससे पहले इंडिया और वर्क इंडस्ट्री को स्पष्ट करने की योजना बनाई है।
सुष्मिता की जीवन की नई कोशिशों की उम्मीदे उठ रही हैं। वे परिवार और सभ्यता के नोबल प्रतिष्ठित पुरुषों के बारे में बेहतर जानकारी और समझ, एक-दूसरे की विश्वासघातों के बारे में अधिक स्पष्टता शामिल करने के लिए ई-पोस्टमॉर्टेम उत्कृष्ट माध्यम है। हमें यह आशा है कि इससे वाणी में पोशाक के एक भिन्न अंदाज की छांव या छांह बन पाएगी।”
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