झामुमो: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी, कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्होंने विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा दिलवाया है। यह घटना झारखंड राज्य में संवैधानिक संकट की एक बार फिर से संभावना को जन्म दे सकती है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं दुमका परिसद के नेता बाबूलाल मरांडी ने यह घटना का दायित्व उठाया है। उन्होंने दुमका परिसद में पत्रकारों के साथ वार्ता करते हुए बताया है कि यह संकट झारखंड विधानसभा चुनाव में उलझन के साथ कांग्रेस पार्टी की योजनाओं का एक हिस्सा है।
मरांडी ने कहा है कि हेमंत सोरेन के वादे और कार्यकाल में कमी की वजह से कांग्रेस पार्टी ने महाजनजाति की डिप्टी मुख्यमंत्री कल्पना सोरेन को उनकी जगह लेने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए इन्होंने विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा लिया है। यह प्रश्न उठ सकता है कि क्या कांग्रेस ने यह योजना पेश की है ताकि हेमंत को संवैधानिक संकट में लीपा जा सके।
हेमंत सोरेन को यह पता है कि उनकी पत्नी अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। इसलिए, उन्होंने झामुमो विधायक सरफराज अहमद को उनकी जगह लेने के लिए यह फैसला लिया है। यह संकट झारखंड भाजपा के लिए बड़ा बना सकता है।
इससे पहले भी दूसरे विधायकों ने अहमद की जगह लेने के लिए इस्तीफा दिलवाया है। ऐसा करके विधायकों ने बिजली खंड, राज्य सूचना आयोग, लोक अधीक्षक आयुक्त, न्यायपालिका, जीईसी आदि पदों का दावेदार बना लिया है।
यह संकट झारखंड निधि आयोग के प्रावधानों पर भी पड़ सकता है। यदि जगह खाली रही तो यह कहीं न कहीं संवैधानिक संकट उत्पन्न कर सकता है। हेमंत सोरेन और कांग्रेस पार्टी के बीच तनातनी की वजह से यह संकट हो सकता है।
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