मध्य प्रदेश में 2023 के विधानसभा चुनावों के मतदान की दर्ज़ा टूट गई है। अब तक जारी आकड़ों के मुताबिक, करीब 75 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान केंद्रों पर सुबह सात बजे से ही भीड़ शुरुआत हो गई थी। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई है। यह विवाद सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। पिछले तीन विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारों के आपसी तनाव ने मतदान प्रतिशत को बढ़ाया है। छतरपुर जिले में कांग्रेस पार्षद की हत्या का मामला सामने आया है। इससे लोगों के बीच खौफ की लहर फैल गई है। मुरैना में दो गुटों के बीच विवाद में दो लोग घायल हो गए हैं। इंदौर-4 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के बेटे ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पिटाई की है। इसमें चुनावी माहौल की उपेक्षा का संकेत है। मध्य प्रदेश में भाजपा के उत्साह में अति बढ़ोतरी हुई है। अब यह नितांत चुनावी मुद्दों पर नहीं बल्कि अपने उत्साह और नेतृत्व पर भरोसा जता रही है। जितने सीटें आएंगी, मतदाता ही तय करेंगे। ये चुनाव रंगमंच पर गूंज रहे हैं। लोगों को नये नेताओं की मेज़बानी देखने का दिल चाह रहा है ताकि वह इस देश के निर्माण में अपना योगदान दे सकें।
300-400 शब्दों की न्यूज़ आलेख-
मध्य प्रदेश में जनता द्वारा अति उत्साहपूर्ण चुनाव की सिफ़ारिश, अनुमानिता हुई है। 75 प्रतिशत मतदान दर, उन्नत तरीके से इन चुनावों के मतदान भूमि को संघटित करना है। यह उद्यान प्रकृति की तरह हमारे इस नजदीकी उद्यानकर्ता के नक्शे पर आयी बारिश की तरह रूपरेखा में बदलाव ला सकती है। इन चुनावों में निर्धारित गहनता और उद्घोषित वादों का आंकलन अनिवार्य है। वरना सरकारी ओर असरदारी कर प्रत्याशी की जीत दक्षिणी स्वर्ग हो सकता है। 2023 के चुनावों में अधिक दावेदारों का ’प्रशासनिक ’ स्वर्ग आयोजित होने की सम्भावना में कई बारे आंकड़ों के बादल दिखाई दे रहे हैं। इसमें काउंट आई सोदाखोर संपूर्णता की योजना का ख़तरा है और उसे आगे बढ़ाने के लिए आकुलता सा परिचारित किया जाना चाहिए। इंतज़ार कट रहा है, जल्द इसे अंधकार से उजाला देना है।