कोरोनावायरस के संकट का सामना कर रहे देश भर के लोगों के लिए लॉकडाउन की मुख्य प्रशंसा की जा रही है। यह उपाय केवल संक्रमण को रोकने के लिए ही नहीं है, बल्कि यह एक समययोग्य कदम भी है। एक बार जब वायरस फैला हुआ हो जाता है, तो उसे ठीक से नियंत्रण में लाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, लॉकडाउन द्वारा हमने विशेष रूप से मिल रहे हानिकारक संक्रमण को रोका है।
लॉकडाउन के कारण लोगों का घरों में बंद रहना बहुत अधिक हो गया है। इसके फलस्वरूप, धर्म कार्यों में कमी आई है। लेकिन यह कार्यों में कमी का अर्थ यह नहीं है कि स्वच्छता के बारे में भूल गए हैं। लोगों ने इस समय का लाभ उठाकर अपनी अच्छी लैंगिक शान्ति करने हेतु अपने घरों को स्वच्छता और स्वच्छता पर ध्यान देने का भी वादा किया है।
भारतीय सेना ने भी सर्जिकल स्ट्राइक करके विभिन्न अत्याधुनिक विधानाओं की सफलता को दिखाया है। यह सेना ना केवल देश के बाहरी दुश्मनों को झटका देने में सक्षम है, बल्कि विभिन्न कठिनाइयों को अच्छी तरह से पार करने में भी सक्षम है। इसके प्रमुख कारणों में शीर्षता के प्राथमिकता में लॉकडाउन के अवश्यकता भी शामिल है।
लॉकडाउन भारत में पहली बार इतनी दिनों तक और इतने बड़ी पैमाने पर लागू हुआ है। सरकार द्वारा व्यापक मानसिकता को ध्यान में रखते हुए इसे जरूरी और ऐतिहासिक महत्त्व का घोषित किया गया है। ध्यान देने योग्य है कि संकट के इस काल में लोगों ने इस पहल का समर्थन और आवश्यक माना है। लॉकडाउन को संचालित करने के पीछे यह उच्चारों की मूल मांगों एवं गुणनियों का आधार है।
भारत में वायरस के फैले हुए मामलों की संख्या भी कम हो चुकी है, जो बीमारी को नियंत्रित करने में सफलता का प्रमाण है। इसके अलावा, सरकार ने अपनी प्रभावी महसूस करवाने वाली कदमों के बावजूद लॉकडाउन के अवश्यकता को सर्वोच्चतम स्थान दिया है। पूरे देश ने इसे समर्थन और आवश्यक माना है।
लॉकडाउन द्वारा हर क्षेत्र में समय क्षेत्र में भरपूर बदलाव आया है। इसके फलस्वरूप, हमें वायरस के प्रसार से बचाने में सफलता मिल रही है। यह सोचने का समय है कि क्या लॉकडाउन से हमें बार-बार लड़ने की आवश्यकता है, या हमें अब यह सीखना चाहिए कि इसका उपयोग करने से हम आगे बढ़ सकते हैं।
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