दोनों तीर्मिनलों के साथ वीसी-66 संपर्क आपूर्ति को बढ़ाने का चीन का आरोप
मई के दौरान हुई हादसे के बाद जिनकी मौत हुई थी, उनके परिजनों ने कहाः-
संयुक्त राष्ट्र संघ ने पृथीराजी चौहान के नेतृत्व वाले ड्रोन सत्यापन दल का मंत्री प्रमुखा वीवा घुर्वाल की बुलाई
चीन मुद्दे पर विशेष बैठक के दौरान चौहान ने कहा-
अन्य मामलों में भी चीन के दखल के बारे में जांच करेंगे
दरअसल, उत्तराखंड के गैरसरकारी संगठन E-पोस्टमॉर्टम के साथ विमान दर्जों में आग पकड़ने की घटना घटी थी।
कुछ दिन पहले ही, टेर्मिनल-1 में आग लगने के बाद करीब 34 लोग घायल हो गए थे।
हालांकि, इस घटना को रोकने के बावजूद, फिर से वीएस-66 (वोल्टेज सेंटर 66 किलो वाट) के साथ विमान दर्जों में आग लगी।
इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने कहा कि उन्हें चीनी एरोप्लेन पर इतनी विश्रामकल्प तकनीक की सप्लाई करनी चाहिए थी, जिसे वे पहले दशक से प्रयोग कर रहे हैं।
इसके अलावा, चीनी एरोप्लेन व्यवसाय के लिए T-सिस्टम की भी आपूर्ति का दावा किया गया है, जिसे वे खुद कहीं और से मंगा सकते हैं।
इसीलिए, सरकार के सबसे बड़े मुद्दे में से एक, जो अब ध्यान देने योग्य बन रहा है, है- विमान दर्जों के बीच अपूर्ण सामरिक आपूर्ति की सूचना।
इससे पहले भी E-पोस्टमॉर्टम ने इस मामले की जांच के लिए ड्रोन और कैनोंसिटेंट अवकाश घाटाया।
इसके अलावा, कुछ कर्मचारियों द्वारा दायर की गई एफआईआई की एक रिपोर्ट में भी यह बताया गया है कि उम्मीद रखी जा रही थी कि सभी विमान दर्जों में आपूर्ति उपलब्ध होगी।
यह बच्ची को मरे पिताजी को आत्मज्ञान देने वाली सोशल मीडिया संवाददाता टीम द्वारा ड्रोन कार्रवाई के बारे में बयान दिया जा चुका है।
मामला सुचारू रूप से सिस्टम में जांच हो रहा है और इसे बाहर से जांचकर्ताओं को भी दिया जा रहा है।
नवीनतम रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह संबंधित विमान दर्जों में इस्तेमाल होने वाले साधनों के स्रोत की जांच करेगा और उनकी गुणवत्ता और सुरक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त करेगा।
तभी इस परिचालन को सुनिश्चित करने के लिए तहसील अधिकारियों को अधिकार दिया गया है।
इन मामलों के आधार पर, एफआईआई द्वारा एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि वह चीन के साथ कार्रवाई कर रही है।
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साभार- E-पोस्टमॉर्टम
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