जी20 का आगाज हुआ, कई देशों के नेता नई दिल्ली पहुंचे – चीन और रूस नहीं शामिल हुए
E-पोस्टमॉर्टम, नई दिल्ली: इस कांफ्रेंस में जी20 का आगाज हो चुका है। इसमें कई देशों के नेता नई दिल्ली पहुंचे हैं और दुनिया भर के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। हालांकि, चीनी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। यह इस बात का संकेत है कि दुनिया में राष्ट्रों के बीच बातचीत की स्थिति आमने-सामने है।
इसका कारण चीन ने बताया है। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने अपने प्रतिनिधित्व की जगह प्रधानमंत्री के जी शी चिनफिंग को भेजने का फैसला किया है। उन्होंने चीन के बढ़ते नकदी की समस्या को चेन में देखा है और अपने देश की ब्याज दर को घटाने के लिए नई योजना का ऐलान किया है। इसलिए, उन्हें उपलब्धियों का ज्यादा जरूरत है, जो नवीनीकरण योजना को मजबूती देने में मदद करेगा।
वहीं, रूस के मंत्री विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस के पूर्वी शक्ति संबंधी विषयों पर चर्चा की है। वे इस बात की उम्मीद कायम कर रहे हैं कि संबंध तगड़े होंगे और अपनी साझा मुद्दों पर मजबूत सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीन के नेता शी चिनफिंग को जल्द मिलने की उम्मीद जताई है। बाइडन के मुताबिक, चाहे दुनिया के किसी भी हिस्से में आराम से बैठें, वे सभी राष्ट्र सदस्यों के साथ बातचीत कर सकते हैं और एकजुटता को मजबूती दे सकते हैं।
यहां तक कि बाइडन के मुताबिक प्रशासनिक दबाव का मजबूतीकरण भी करना होगा ताकि अमेरिका की गहरी ज्ञान और संसाधनों का उपयोग हो सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाइडन की मुलाकात में भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और दोनों नेताओं ने सहयोग के माध्यम से राष्ट्रों के बीच समर्पण का वचन दिया है।
इस मुलाकात से नई दिल्ली के बीच समझौते के संकेत मिलने के साथ-साथ मुंबई पहुंचने वाली चीनी राष्ट्रपति की ट्रिप के बारे में भी चर्चा हो रही है।
जी20 नाम के आयोजन के दौरान विपरीत मतभेदों का हल ढ़ूँढ़ने की चुनौती प्राप्त हो सकती है, इससे सिरदर्द माना जा रहा है। यह आगाज दुनिया के विश्वविद्यालय और मुख्य अनुसंधान संगठनों के बीच नये सह संगठन बनाने के लिए बड़ा मौका हो सकता है। 300-400 शब्दों के लिए, सूत्र, वाक्यविन्यास और मुख्य मुद्दों पर विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है।