यहां कई ग्रंथियों के बढ़ते मामले के कारण देहरादून मेडिकल कॉलेज में एक नई शोध की शुरुआत की गई है। इस शोध के तहत, आंखों से स्वैब सैंपल्स की जांच की जाएगी। इस शोध का लक्ष्य 300 सैंपलों की जांच करना है। शुरूआत में पहले चरण में, 14 मरीजों ने अपने सैंपल लैब भेजे हैं।
दूसरी ओर, देहरादून के एक और अस्पताल गांधी अस्पताल में भी आई फ्लू के मरीजों में वृद्धि दर्ज की गई है। यह खतरनाक वायरस यहां भी फैल रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा कहा जा रहा है कि एपिडेमिक केरेटोकंजक्टिवाइटिस स्ट्रेन बहुत प्रभावी तरीके से फैल रहा है।
इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में विशेषज्ञों ने विभिन्न उपायों की सलाह दी है। उन्होंने सलाह दी है कि व्यक्ति को हाथों को साफ रखने चाहिए ताकि यह वायरस स्प्रेड न हो सके। वे यह भी कहते हैं कि आंखों को नियमित अंतराल में साफ पानी से धोना चाहिए।
इसके अलावा, इस वायरस के लक्षणों के बारे में जानकारी भी दी गई है। इसमें लक्षणों में सूजन, अंधापन, खुजली और सुनाई न देने जैसी समस्याएं शामिल हैं। विशेषज्ञों की सलाह पर इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षित रहना और उच्च स्वच्छता रखने की आवश्यकता है।
अभी तक रिसर्च अभियान जारी है और वैज्ञानिकों के मुताबिक यह काम कुछ ही दिनों में पूरा हो जाएगा। इसमें अधिक मरीजों के सैंपल जांचे जाएंगे और नये तरीकों की खोज की जाएगी जो आंखों की स्वस्थता और सुरक्षा को बढ़ावा देगी।
इस रिसर्च के शुरुआती परिणाम के आधार पर, व्यक्ति को सही जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए संबंधित टिप्स और उपायों का उपयोग करना चाहिए। इससे हम सब मिलकर इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
“Zombie enthusiast. Subtly charming travel practitioner. Webaholic. Internet expert.”