इजरायली सेना द्वारा गाजा पट्टी पर हुए हमलों के तेजी से बढ़ रहे बदलते स्तरों ने माहौल को गहरे अंधकार में लपेट दिया है। इन हमलों के पश्चात नॉर्थ गाजा में जमीनी युद्ध की गर्मी शुरू हो चुकी है। पिछले पांच दिनों से इजरायली सेना के जवान बाध्यकारी जानबूझकर जवानों के पत्रराठ की खोज कर मौत की नींद सुलाई जा रही है। इस मामले में आलोचनाएं बढ़ रही हैं।
इस हालत के चलते गाजा में तनावपूर्ण स्थिति का सर्वेक्षण करने के लिए एक विशेष रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य गाजा के आपातकालीन स्थिति को समझना है और आवश्यकतानुसार कार्रवाई का निर्णय लेना है। रिपोर्ट में इसके पीछे के कारणों की जांच भी की जाएगी। ऐसी स्थिति में ये रिपोर्ट गाजा के लोगों के लिए एक राहत की बूँद साबित होगी और उन्हें आगे की समय समीक्षा करने का अवसर देगी।
इजरायली सेना के हमलों के कारण गाजा पट्टी में तनाव बढ़ रहा है और इससे नफ़रत और बढ़ रहे ख़तरे की आशंका भी बढ़ रही है। इसमें सुरक्षा एजेंसियों के सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद इजरायल की सेना पुनः अपने सैनिकों की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कठोर कदम उठा रही है। इस मामले में ब्यौरा ग्रहण में इजरायल की सरकार ने लगभग सभी देशों को अपना साथ दिया है।
गाजा में इजरायली सेना द्वारा किए गए हमलों के संदर्भ में उद्योग, राजनीति, खराब सुरक्षा व्यवस्था और लोगों के जीवन की गंभीरता के पांच तत्वों का समारोह देखने को मिलता है। इसके साथ ही राष्ट्रीय एंटी-नक्सल रजिस्टर (NTR) और बीमा कंपनियों की परियोजनाओं के लिए भी खतरा बढ़ रहा है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, सरकार एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी विभागों ने इन दोनों दुष्प्रभावों से निपटने की योजना बनायी है।
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