ईरान के राष्ट्रपति एब्राहीम रईसी ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ समझौता किया है, जिससे अमेरिका को नाराजगी का सामना करना पड़ा है। रईसी ने पाकिस्तान की यात्रा के दौरान कई ऊंचाइयों से मुलाक़ातें कीं और दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग में रुचि दिखाई।
इस समझौते के बारे में अमेरिका ने चेतावनी दी है और उसे ख़तरा महसूस हो रहा है। इसके अलावा, ईरानी राष्ट्रपति ने इसराइल को भी चेतावनी दी और फ़लस्तीन के समर्थन में भी बात की। दोनों मुल्कों के बीच के व्यापार में वृद्धि हुई है और कई मुद्दों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
ईरान के इस कदम से अमेरिका को ख़तरा महसूस हो रहा है क्योंकि यह उसके हितों को प्रभावित कर सकता है। इसी कारण से अमेरिका ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और दोनों देशों के बीच के समझौतों की मौजूदा स्थिति का विश्लेषण किया जा रहा है।
इस घटना के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान-पाकिस्तान के बीच की यह समझौता स्थायी शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन दूसरी ओर यह राजनीतिक दुनिया में एक नया क़दम भी हो सकता है।
ईरान के इस कदम से पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और इसके परिणाम से अगले कई हफ्तों तक नजर रखी जा रही है। सभी देशों के बीच के संबंध इस घटना से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे भविष्य में राजनीतिक मामलों में नयी ऊँचाइयाँ और नीचाइयाँ आ सकती हैं।
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