अमेरिकी सेना ने ग़ज़ा तट पर अस्थायी बंदरगाह बनाने के लिए एक जहाज रवाना किया है। जहाज का नाम फ्रैंक एस बेसन है और यह वर्जिनिया प्रांत से निकला है। इस बंदरगाह का निर्माण करने में 60 दिन लगेंगे।
अमेरिकी चैरिटी वर्ल्ड सेंट्रल किचन ने ग़ज़ा के लिए राहत सामग्री भेजी है। ग़ज़ा में पांच महीने से भुखमरी का संकट है, जिसके कारण भारतीय संगठन भोजन पहुंचाने में समस्या उठा रहे हैं।
इसराइल ने भी ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए समुद्र के रास्ते प्रयास किया है, लेकिन साइप्रस के सुरक्षा कानूनों के चलते यह जर्मनी तक पहुंचा है। इसराइल को उत्तर ग़ज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने में बाधा उठाने के आरोप लगाए गए हैं, जिस पर वह नकारता है।
भोजन की रुट को लेकर मिशन की कानूनी सलाहकार ने आरोपों को खारिज़ किया है। ग़ज़ा में समाचार दिमाग की बुद्धि को चुनौती देने में पिछड़ नहीं रहता। लोगों की यहाँ मदद की आवश्यकता के लिए मानवता की सबसे उच्च मान्यता है। ग़ज़ा अब संकट के निवारण के लिए विश्व समुदाय की जरूरती है।
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