डेंगूवायरस दिल की स्वास्थ्यशाली कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। रिसर्च के मुताबिक, डेंगू वायरस द्वारा प्राकृतिक मच्छरों के काटने से यह बीमारी फैलती है। जिसे आधिकारिक तौर पर एडीज एजिप्टी मस्कीटो के काटने से फैलने का खतरा होता है। डेंगू वायरस के प्रमुख संक्रमण कारक बनने के लिए ऑटोमोबिल चालक मस्कीटों के काटने से वायरस इंफेक्शन फैलता है। यह वायरस होमनोगोंस के इंद्रिय अंगों में विकास करता है और शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित करता है। अब नयी रिसर्च में खुलासा हुआ है कि यह वायरस सिर्फ लिवर में ही नहीं, बल्कि दिल की कोशिकाओं में भी क्षति करता है।
एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में जाने जाने वाले डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी आना और जी मिचलाना, शरीर में लाल चकत्ते, आंखों के पीछे दर्द, ग्लैंड्स में सूजन, थकान और नाक या मसूड़े से खून बहना शामिल हैं। डेंगू के मरीजों को अब हार्ट एम आर आई और स्ट्रेस इको टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। डेंगू वायरस के कारण दिल में सूजन हो सकती है, जो दिल की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है। जब लगभग 18 महीने के दौरान डेंगू के मामलों में हार्ट रोगी ने एमआरआई टेस्ट करवाया तो पाया गया कि सूजन लिवर के बजाय उनके दिल में देखी गई। यह माना जाता है कि यह बीमारी दिल को भी प्रभावित कर सकती है।
डेंगू एक बहुत ही गंभीर बीमारी है जो पानी के कारण होती है। डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता को ध्यान में रखना और मच्छरों के काटने से बचना बहुत जरूरी है। सरकार बचाव के लिए जुर्माना भी लगाती है। विशेषज्ञों की मानें तो डेंगू बीमारी को रोकने के लिए हमें सहयोग करना चाहिए। इससे हम अपने आसपास और समाज में डेंगू के प्रसार को रोक सकते हैं। ताकि हमें इस मारक बीमारी से बचा जा सके और इसके कारण होने वाली हानि को रोक सकें।
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