पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने शहबाज शरीफ की सलाह पर राष्ट्रीय सभा को भंग किया है। यह घटना देश में अगले चुनावों के लिए संसद को भंग करने के समक्ष मानी जा रही है। गृह मंत्री के बयान ने इस सस्पेंस को और बढ़ा दिया है। वर्तमान में अभी तक चुनाव की तारीखें निर्धारित नहीं हुई हैं।
पकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अलवी ने शहबाज शरीफ की सलाह पर राष्ट्रीय सभा को भंग किया है। आखिरकार, पाकिस्तान की राष्ट्रपति ने इस मामले में अपना स्वयं का फैसला देने का समय आया है। राष्ट्रपति ने संविधानिक शपथ लेने के लिए विचार किया है, जबकि शरीफ ने इस पर अपना मानदंड दिया था। शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति को चुनाव को तालब रखने की सलाह दी थी, जिसे अलवी ने स्वीकार नहीं किया है।
यह पहली बार है कि राष्ट्रपति ने शरीफ की सलाह को ठुकरा दिया है। पिछले कई वर्षों से, राष्ट्रीय सभा ने चुनाव की तारीखों का निर्धारण किया है, लेकिन इस बार राष्ट्रपति द्वारा इसे जांच करने की पहल रखी गई है। इस मामले में गृह मंत्री शिरकत करने वाले सूत्रों ने बताया है कि यह सस्पेंस अब और बढ़ गया है।
संसद को भंग करने के बारे में गृह मंत्री ने अभिव्यक्ति की है कि इस तरह की कार्रवाई देश के लिए एक बड़ा चयन हो सकता है। यह एक गंभीर मामला है और इसे गंभीरता से लिया गया है। चुनाव के संबंध में सभी पक्षों के बीच सुखद समधान के लिए यह महत्वपूर्ण हो सकता है।
इस समय, चुनाव की तारीखों को लेकर इस्पात बड़ी है। अभी तक कोई आदेश नहीं जारी किया गया है और यह अनिश्चितता की स्थिति में ले जा रहा है। चुनाव की तिथि संबंधी निर्णय के बिना, देश की राजनीतिक पार्टियां अपनी चुनावी योजनाओं में झपटा लगा रही हैं। इसके अलावा, यह भी निर्धारित करना मुश्किल होगा कि वर्ष 2023 में चुनाव किस माह में होंगे।
चुनाव के लिए नयी तारीखों का निर्धारण करने के लिए समय खर्च हो सकता है और इसके बाद लोगों को आगे की योजनाएं बनानी होंगी। वर्तमान में लोगों को नहीं पता कि उन्हें कितनी देर में अगले मतदान के लिए तैयार होना होगा। अनिश्चित योजनाओं के कारण, लोगों को चुनावी कंपनियों को उबकाई रखना होगा और यह उत्पन्न करेगा राजनीतिक परिस्थितियों में वृद्धि के लिए सामरिकता।
इस बारे में, अब तक उचित निर्णय नहीं लिया जा सका है और लोगों को अब और उत्सुकता के साथ इंतजार करना होगा। यह थोड़ी देर की बात है और उन दिनों आप इसे जान लेने के लिए उत्सुकार्य होंगे।
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