दिल्ली में बाढ़ की चिंता ढेर
राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ का सातवां दिन है और यमुना नदी के जलस्तर की बढ़ोतरी सबकी नजरों में है। प्राकृतिक आपदाओं के इस कहर में दिल्ली के कई इलाकों में पानी जमा हो गया है और पाम्प नाकाफी कारगर नहीं हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप कई कॉलोनियों में ट्रैफिक जाम और पानी में डूबी हुई सड़कों का नजारा है।
इस वर्ष बारिश की मात्रा असामान्य रही है और अब यह बाढ़ के साधन तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यमुना नदी के जलस्तर में और बढ़ोतरी की संभावना है, जो और मुसीबतें ला सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस हफ्ते और आगे और बारिश के संकेत मिले हैं जो यमुना के जलस्तर को और भी बढ़ा सकती हैं।
इस मुसीबत के समय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। दिल्ली वालों को बारिश के साथ-साथ यमुना के जलस्तर के बढ़ने के खतरे के बारे में सतर्क रहना चाहिए। यह विशेष रूप से उन इलाकों में जहां यमुना के किनारे घर स्थित हैं और पहले से ही असुरक्षित घोटालों के कारण प्रश्न पैदा हो रहे हैं।
बाढ़ से बचाव हेतु सरकारी अधिकारी ने आम जनता को सतर्क रहने की अपील की है। वे नदी किनारे रहने वालों से अलर्ट रहने और उन्हें अपने सुरक्षा को बनाए रखने का सुझाव दे रहे हैं। भारी बारिश के दौरान नदी के निकटस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को वहां से बाहर निकल आने की सलाह दी जा रही है।
यमुना की बढ़ती जलस्तर को लेकर सरकारी अधिकारी ने बताया कि पीपुलस का हाल बताने के लिए पेनिक गेजशियों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, लोगों को लगातार ताजगी रखने, गर्मनी के उपयोग पर ध्यान देने और नदी के निकट घरों खंडहरों में जाने की सलाह नहीं ही बल्क स्पष्ट रूप से मना किया जा रहा है।
आरंभिक रिपोर्टों के अनुसार यह ज्यादातर वर्षों के तुलना में यमुना की सबसे अधिक बढ़ोतरी है। इसलिए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लोग इस परिस्थिति को गंभीरता से लेते हुए जरूरी कदम उठाएं। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फीली बारिश के कारण अनापचाए व्यक्तियों की संख्या मर्दन्ड हुई है, और अगर यमुना की बाढ़ और आगे बढ़ी, तो इससे होने वाले नुकसान और भी बढ़ सकते हैं।
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