दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए गए सेवा विधेयक के पास हो जाने के बावजूद, विपक्ष और सत्ताधारी पार्टियों के बीच निगरानी जारी है। इस बारे में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने भाजपा के पक्ष में अभियान चलाने पर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा, विरोधी दलों को सिर्फ सेवा विधेयक पर बहस करने का मौका मिला है।
राघव चड्ढा ने बीजेपी को नेहरू-वादी बनने की सलाह दी है। एक पत्रिका में उन्होंने कहा, “इस बारे में भाजपा को सोचनी चाहिए कि क्या वह वाकई एक प्रोग्रेसिव सोच वाली पार्टी बनना चाहती है या फिर नेहरू-वादी बनने के लिए चुनती है।”
इसके अलावा, राघव चड्ढा ने राज्यसभा के कार्य नियम को बताया है और सेवा विधेयक के खिलाफ बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा, “इसके तहत, लोकसभा पारित करने के बाद बिल को सदन में पेश किया जा सकता है, लेकिन इसे राज्यसभा में भी पारित करने की जरूरत होगी। यदि यह नहीं होगा, तो यह डील नकली और गड़बड़ होगी।”
राज्यसभा सदस्य ने इस मामले की जांच की मांग की है और इस बारे में राज्यसभा चेयर से बातचीत की है। उन्होंने कहा, “इस मामले में गम्भीरता और शिकायतों की जरूरत है। इसलिए मैं आपसे विनम्रता से यह मांग करता हूं कि आप इस मामले की जांच करें और उचित कार्रवाई करें।”
राघव चड्ढा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाए गए हैं, जिसे सेवा विधेयक को लागू करने के बाद पास किया गया होगा। इसके बावजूद, विपक्ष और सत्ताधारी पार्टियों के बीच निगरानी कार्रवाई जारी है। विपक्ष दलों ने दिल्ली सरकार को बहाना बनाते हुए अनचाहे मुद्दों को उठाने का आरोप लगाया है।
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