पूर्व DGP एसपी वैद्य ने आजतक से बातचीत में बताया कि खुफिया तंत्र की नाकामी के कारण पुंछ और राजौरी में आतंकवादी हमले हो रहे हैं। वैद्य ने बताया कि वह जब जम्मू कश्मीर के DGP थे तब आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ऑल आउट चलाया गया था। आतंकवादियों के हमलों के समय खुफिया तंत्र की कमजोरी ने सुरक्षा बलों को भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
इस बातचीत में वैद्य ने कहा, “खुफिया तंत्र एक देश में सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह तंत्र हमेशा सक्रिय रहे और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती दे।” उन्होंने इसे और अधिक महत्वाकांक्षापूर्ण बताया और कहा, “खुफिया तंत्र का मुख्य उद्देश्य होता है जानकारी संग्रह और उसे आपातकालीन स्थिति में उपयोग करना। यह हमारे देश की सुरक्षा और आंतरिक मामलों की रक्षा के लिए अहम है।”
वैद्य ने वीडियो में दिखाए गए दस्तावेजों के बारे में भी बात की। इन दस्तावेजों में सुरक्षा बलों के द्वारा किए जा रहे कार्रवाई का विवरण दिया गया था। वैद्य ने कहा, “ये दस्तावेज हमारे सुरक्षा बलों की मेहनत और उनके साहस को दिखाते हैं। हमें उनके योगदान की प्रशंसा करनी चाहिए और उन्हें समर्पित करना चाहिए।”
वैद्य ने बताया कि आतंकवादी हमलों में खुफिया तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी। खुफिया तंत्र की कमजोरी ने सुरक्षा बलों को हमलों के समय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। वैद्य ने कहा, “हमें इस मामले से सीखना चाहिए कि खुफिया तंत्र को मजबूत बनाने की जरूरत है। हमें इसे नवीनतम तकनीकी उन्नति के साथ अद्यतित करना चाहिए और अधिक सक्रिय रखना चाहिए ताकि हम आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को अधिक सहायता कर सकें।”
इस बातचीत में वैद्य ने खुफिया तंत्र की महत्वपूर्णता और उसकी महत्वाकांक्षा पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “खुफिया तंत्र हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा की एक मुख्य चिंता होनी चाहिए। हमें इसे मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि हम आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा जाल बना सकें। हमें आतंकवादी गतिविधियों को पहचानने और उन्हें रोकने के लिए खुफिया तंत्र का प्रयोग करना चाहिए।”
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