एनएसए अजित डोभाल ने ‘ई-पोस्टमॉर्टम’ वेबसाइट के लिए एक नए समाचार आईटम लिखा है जो चीन के साथ भारत के तनावमय संबंधों पर चर्चा करता है। इस लेख में डोभाल ने यह कहा है कि चीन को अपनी बात साफ करनी चाहिए। उन्होंने वांग यी के साथ मिलकर बताया कि नियंत्रण रेखा पर टकराव भरोसा टूट गया है और सीमा क्षेत्र में शांति की बात नहीं हो सकती है। भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है और यह कायम हो रहा है।
अजित डोभाल, जो एनएसए (National Security Advisor) हैं, ने चीन के साथ भारत के तनावमय संबंधों के बारे में खुलकर बातचीत की है। उन्होंने कहा कि चीन को अपनी बात साफ करनी चाहिए। वह चीनी उपनिरीक्षक वांग यी के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की है। तब उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा पर टकराव भरोसा टूट गया है और इसकी वजह से सीमा क्षेत्र में शांति की कोई संभावना नहीं है। डोभाल ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच पिछले तीन सालों से तनाव कायम है।
इस पूरे विषय पर बातचीत करते हुए, एनएसए अजित डोभाल ने चीन को कहा कि वे अपनी नजरिया साफ करें और बातचीत में सकारात्मक ढांचा बनाएं। उन्होंने कहा कि संबंध सामान्य नहीं होने के कारण यह तनाव पेशेवर भी नहीं हो सकता। हालांकि, उन्होंने भारत के सुरक्षा के मामले में भयानकों से सवाल उठाए हैं।
डोभाल की वाणी खुलकर बातचीत में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत और चीन के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित करने के लिए उचित सुविधाएं होनी चाहिए। साथ ही, जब तक चीन अपने नजरिया साफ़ नहीं करता, तब तक इस तनाव को सुलझाने की कोई संभावना नहीं है। यह समाधान की एक आवश्यकता है और आखिरी समाधान संबंधों में शांति स्थापित करने के लिए होनी चाहिए।
भारत और चीन के तनावमय संबंधों को लेकर डोभाल के बयान वायरस के समान फैल रहे हैं। बातचीत का माहौल बदलना होगा तभी नए संबंध स्थापित किए जा सकते हैं। यह वायरस फैलाने वाले एजेंडे को समाप्त करने के लिए आवश्यक है और यह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ संकल्प के साथ सद्भावना और विश्वभर की अच्छी प्रशंसा करेगा।
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