जंक फूड का सेवन करना मॉडर्न जीवनशैली का एक हिस्सा बन चुका है। शहरों में बहुत सारे फास्ट फूड रेस्टोरेंट खुल चुके हैं, जहां लोग आसानी से और तुरंत भोजन का आनंद ले सकते हैं। हालांकि, जंक फूड के सेवन के बाद के असरों के बारे में कम ज्ञान है। इसी बात पर एक नई रिसर्च ने रोशनी डाली है।
अभ्यास के अनुसार, जंक फूड खाने से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। रिसर्चर्स ने पाया है कि जंक फूड के अंतिम असर खाने के तुरंत बाद ही आरंभ हो जाते हैं। ये असर बाद में आंग के लक्षण, मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, हाइपरटेंशन और कई और बीमारियों की शरीर पर पड़ती हैं।
जंक फूड में प्रयुक्त होने वाले अधिकांश चीजों में तेल और मसाले का अधिक प्रमाण होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इन तत्वों का मासिक भोजन में आवागमन शरीर की खांसी अव्यवस्था को बढ़ा सकता है, जिससे शेयरी और किडनी समस्याएं हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि जंक फूड के अंदर नज़ार आने वाले छिपे हुए पारजन्य पदार्थ शुगर के रोगग्रस्त होने की संभावना बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, ऐसे वैक्सेशन खानों में मौजूद अधिक मात्रा में कैलोरी, तत्व और डेड माइक्रोन्यूट्रिएंट्स हमारे शरीर के अंदर जम जाते हैं, जो चर्बी बढ़ा सकती है और हृदय समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
जंक फूड का सेवन करना न हो जाए महंगा। विभिन्न अध्ययनों ने दिखाया है कि जंक फूड का मासिक सेवन दिमागी समस्याओं, जैसे डिमेंशिया और गेहिर व्याधि के खतरे को बढ़ा सकता है।
इस रिसर्च के आधार पर मनोविज्ञानी मानते हैं कि जंक फूड मौजूदा आदत की वजह से हमारे शरीर का समां अव्यवस्थित हो सकता है, जिससे नहीं सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य पर, बल्कि भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
आने वाले समय में इस मुद्दे पर विज्ञानी और चिकित्सकों के बीच विशेष चर्चा होनी चाहिए, ताकि लोग अपने आहार को स्वस्थ रख सकें और जंक फूड से दूरियां बनाएं रख पाएं।