कौक कफ संक्रमण की उच्च संख्या पृथ्वी के कई देशों में एक बड़ी चिंता का कारण बन चुकी है। इस संक्रमण का सबसे बड़ा कारण वैक्सीन की दीर्घकालिक प्रभाव की कमजोरी है। वैक्सीन के उत्पादन और गुणवत्ता नियंत्रण की चुनौतियों का सामना कर रही देशों में यह संक्रमण भयंकर रूप से फैल रहा है।
चीन में हाल ही में जनवरी और फरवरी महीनों में कौक कफ के मामलों में एक बारेबाले वृद्धि दर्शाने के बाद ने दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। इसके अलावा, एक अनुस्थानात्मक अध्ययन ने स्पेन और चेक रिपब्लिक जैसे यूरोपीय देशों में भी कौक कफ के मामलों में वृद्धि की सूचना दी है।
ऑस्ट्रेलिया में भी यह समस्या गंभीर रूप से बढ़ चुकी है, जिसका मुख्य कारण अपर्टेक्टिन असमर्थ वायरस है जो 2017 में देश में प्रमुख वायरस बन जाते हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ-साथ WHO के अनुसार, 2022 में 20.5 मिलियन बच्चों ने एक या एक से अधिक DTP टीके की खो दी है।
इस चुनौतीपूर्ण समय में, विशेषज्ञों ने कार्बन डाइऑक्साइड, ओजोन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) में वृद्धि के संबंध को भी जोर दिया है। इस संक्रमण के प्रतिरोध में जनस्वास्थ्य विभागों को सक्रिय रूप से काम करने की जरूरत है।
जारी रहने वाले समय में, कौक कफ संक्रमण को लेकर सतर्कता और जोर बनाए रखना महत्वपूर्ण है। जनता को इस संक्रमण से बचाव के लिए सजग रहने की आवश्यकता है।
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