पैटर्न कम्युनिकेशंस लिमिटेड में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही के दौरान बढ़ी है। दिसंबर तिमाही के अंत में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी 12.85% रही है। यह एक आंकड़ा है जो कंपनी के प्रमुख हिस्सेदारों के बीच की भागीदारी की गणना करता है। अगर बात करें तो, घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी भी बढ़ी है और उनकी हिस्सेदारी 6.06% हो गई है। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड ने दिसंबर तिमाही में फिनटेक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी 2.20% बढ़ा दी है।
यदि हम इस समय की ध्यान रखें, तो अन्य इन्वेस्टमेंट फंड्स, बीमा कंपनियों और पेंशन फंड्स के पास भी अपनी हिस्सेदारी है। नॉन-रेजिडेंट इंडियन ने भी अपनी हिस्सेदारी 0.67% कर ली है। इसके अतिरिक्त, विदेशी संस्थानों की हिस्सेदारी भी पेटीएम में 63.72% है, जो सितंबर तिमाही से बढ़ी है। यह दिखाता है कि विदेशी संस्थानों ने पेटीएम में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया है।
इस दौरान, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि FPI की हिस्सेदारी कम हुई है। ध्यान दें कि सॉफ्टबैंक ने अपनी हिस्सेदारी घटाई है, जबकि अरबपति वॉरेन बफे की बर्कशायर हैथवे इंक पेटीएम से बाहर हो गई है। पेटीएम के फाउंडर ने भी अपनी विदेशी स्वामित्व वाली कंपनी के जरिए पेटीएम में हिस्सेदारी खरीदी है। उनकी हिस्सेदारी 10.30% है।
सुर्खियों में, रेजिलिएंट एसेट मैनेजमेंट ने एंटफिन (नीदरलैंड) होल्डिंग बीवी से हिस्सेदारी खरीदी है। यह हैथवे इंक और बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं कारपोरेशन की संपत्तियों के लिए केंद्रीय विनिमय बाजार में विशेषज्ञता और तकनीक वितरण का प्रदाता है। ऑनलाइन पोर्टल E-Postmortem को इस बात की सूचना देने पर गर्व का एहसास हो रहा है।
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